नई दिल्ली (ए)। कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने सोमवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकेगी। खेड़ा ने कहा कि “समझौता नहीं करने” के अपने कथित रुख के कारण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठजोड़ की राजनीति कर ही नहीं सकती इसीलिए उसकी सरकार जल्द ही गिर जाएगी। कांग्रेस नेता ने इंदौर में प्रेस क्लब में आयोजित ‘‘संवाद” कार्यक्रम में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कहा,‘‘मैं आपको दावे के साथ कह सकता हूं कि मोदी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करती हुई नहीं दिख रही है।”
इस दावे के आधार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में महज 240 सीटों पर सिमटने के कारण भाजपा का आत्मविश्वास खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा,”जब आप (भाजपा) समझौता करना नहीं चाहते, तो आप गठबंधन की राजनीति कर ही नहीं सकते। अभी शुरुआत हुई है। आने वाले कुछ महीनों में आपको जवाब मिलेगा।” खेड़ा ने यह भी कहा कि अगर भाजपा विपक्षी दलों को तोड़ने की “पुरानी गलतियां” दोहराएगी, तो उसे बहुत जल्द इसका “खामियाजा” भुगतना पडे़गा।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 की बहाली का चुनावी वादा करने वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस से हाथ मिलाने को लेकर कांग्रेस के खिलाफ भाजपा के हमलों पर उन्होंने कहा,”आप (भाजपा) किसी भी पार्टी के चुनावी घोषणापत्र को लेकर दूसरी राष्ट्रीय पार्टी पर सवाल कैसे उठा सकते हैं? आप हमारा न्यूनतम साझा कार्यक्रम आने दीजिए। आप इस कार्यक्रम पर सवाल उठाइए जिस पर चर्चा के लिए हम तैयार हैं।” खेड़ा ने पलटवार करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल पहले हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने उस पीडीपी के साथ हाथ मिलाया था जिसने अपने चुनावी घोषणापत्र में कथित रूप से कहा था कि इस सरहदी सूबे में भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों की मुद्राएं चलनी चाहिए।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच के खिलाफ हितों के टकराव के नये आरोप लगाने के बाद खेड़ा ने कहा कि अगर सरकार इस मामले में जांच का आदेश देती है, तो सेबी प्रमुख को खुद आगे बढ़कर इस्तीफा दे देना चाहिए। आपराधिक मामलों के आरोपियों के मकानों को राज्य सरकारों के प्रशासन द्वारा बुलडोजर से ध्वस्त किए जाने के मामलों में उच्चतम न्यायालय की सख्त टिप्पणियों पर उन्होंने कहा,‘‘हमें शीर्ष अदालत की टिप्पणियां सुनकर अच्छा लगा। इसके बाद हमें पूरी उम्मीद है कि अब इस दिशा में कुछ सशक्त कदम उठाए जाएंगे ताकि कोई भी चुनी हुई सरकार हमारे देश को अड़ोस-पड़ोस के मुल्कों के मॉडल की ओर न ले जा सके जहां यह जाता हुआ दिख रहा है।”