बंगलूरू(ए)। कर्नाटक में एक अजीबो-गरीब घरेलू विवाद ने कानूनी जगत को चौंका दिया है। एक महिला ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया है, जिसका कारण काफी असामान्य है। महिला का आरोप है कि उसके पति ने गर्भावस्था के दौरान उसे फ्रेंच फ्राइज खाने की अनुमति नहीं दी, जिससे नाराज होकर उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
महिला का कहना है कि उसके पति ने उसे बांग्लादेश आलू से बनी फ्रेंच फ्राइज खाने से रोक दिया था। इस वजह से उसने घरेलू हिंसा के तहत केस दायर किया। मामला जब कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंचा, तो पति ने आरोपों को निराधार बताते हुए केस को रद्द करने की मांग की।
न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्न ने मामले की सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि इस तरह के मामूली कारणों को लेकर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि पति अपनी पत्नी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उसे कुछ विशेष खाद्य पदार्थों से रोकता है, तो इसे घरेलू हिंसा का मामला मानना अनुचित है।
कोर्ट ने महिला के पति के पक्ष में फैसला देते हुए सभी आरोपों पर रोक लगाने का आदेश दिया और कहा कि इस प्रकार के मामूली कारणों के लिए पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाना उचित नहीं है।