नई दिल्ली (ए)। चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए तैनात किए जा रहे 400 से अधिक पर्यवेक्षकों से बृहस्पतिवार को कहा कि वे निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान फर्जी बयानों से सतर्क रहें। आयोग ने पर्यवेक्षकों को सलाह दी है कि वे चुनाव प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश करने वाले ऐसे बयानों का त्वरित जवाब सुनिश्चित करें। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि आयोग के प्रतिनिधि के रूप में उनसे यह अपेक्षा की जाती है कि वे पेशेवर तरीके से आचरण करें। साथ ही उम्मीदवारों और आम जनता सहित सभी हितधारकों के लिए सुलभ रहें। उन्होंने पर्यवेक्षकों को भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने की सलाह देते हुए कहा कि संचार में कोई बाधा न हो। उन्होंने पर्यवेक्षकों को याद दिलाया कि वे पार्टियों, उम्मीदवारों, मतदाताओं और चुनाव आयोग की निगरानी में रहेंगे। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में करीब 200 सामान्य पर्यवेक्षक, 100 पुलिस पर्यवेक्षक और इतने ही व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए जा रहे हैं। चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि अधिकारियों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए पूरे चुनाव तंत्र का निरीक्षण करना चाहिए। विधानसभा चुनावों में कड़ी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए उन्होंने कहा कि इन चुनावों में पर्यवेक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू ने कहा कि चुनावों के संचालन को बेहतर बनाने के लिए सुगमता, दृश्यता और जवाबदेही आवश्यक है। आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और अन्य केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों को पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया जाता है।
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा चुनाव के लिए तैनात होंगे 400 पर्यवेक्षक, सीईसी ने दी यह हिदायत
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