लखनऊ (ए)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि अब राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल और अचल संपत्ति की घोषणा करनी होगी। इस दिशा-निर्देश के अनुसार, कर्मचारियों को अपनी संपत्ति की जानकारी 31 अगस्त तक प्रस्तुत करनी होगी। यदि कर्मचारी इस अंतिम तिथि तक संपत्ति की जानकारी नहीं देते हैं, तो उन्हें अगस्त महीने की वेतन प्राप्त नहीं होगी। इसके अलावा, उनकी पदोन्नति भी प्रभावित होगी। इस आदेश के तहत, सरकारी कर्मचारियों को अपनी सम्पत्ति का विवरण प्रदान करना अनिवार्य होगा, जिससे सरकार को पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी। यह कदम सरकारी तंत्र की जवाबदेही को बढ़ाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त प्रहार के रूप में देखा जा रहा है।
पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
यह निर्णय सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेटरी ने सभी विभागों के प्रमुखों को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में निर्देश दिया गया है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल और अचल संपत्ति की जानकारी 31 अगस्त तक प्रस्तुत करनी होगी। अगर कर्मचारी इस निर्धारित तिथि तक संपत्ति की घोषणा नहीं करते हैं, तो उनके प्रमोशन को रोक दिया जाएगा और अगस्त महीने की सैलरी भी जारी नहीं की जाएगी। सरकार ने पहले भी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति की घोषणा करने के लिए कहा था, लेकिन पर्याप्त और संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर अब सरकार ने सख्त कदम उठाया है। इस फैसले के माध्यम से सरकार पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए गंभीरता दिखा रही है।
मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति का विवरण दें
असल में, उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों को मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल और अचल संपत्तियों का विवरण दर्ज कराने के लिए निर्देशित किया है। पहले इस काम के लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2023 निर्धारित की गई थी। इसके बाद, इस समय सीमा को बढ़ाकर 30 जून 2024 कर दिया गया। इसके बाद भी कर्मचारियों की संपत्तियों के विवरण की प्राप्ति को लेकर संतोषजनक स्थिति न मिलने के कारण, अंतिम तिथि को और बढ़ाकर 31 जुलाई 2024 कर दिया गया।
जानकारी नहीं देने पर रुकेगी प्रमोशन और सैलरी
हालांकि, इन सभी समय सीमाओं के बावजूद, पोर्टल पर संपत्ति का विवरण प्रस्तुत करने वाले कर्मचारियों की संख्या अभी भी बहुत कम है। इस स्थिति को देखते हुए, सरकार ने अब कड़ा फैसला लिया है कि अगर कर्मचारी निर्धारित तिथि तक संपत्तियों की जानकारी प्रस्तुत नहीं करेंगे, तो उनके प्रमोशन रोके जाएंगे और अगस्त महीने की सैलरी भी जारी नहीं की जाएगी। यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
पोर्टल पर संपत्ति का विवरण पहली बार प्रस्तुत किया जा रहा
सरकार के हालिया आदेश में कहा गया है कि चूंकि मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति का विवरण पहली बार प्रस्तुत किया जा रहा है, इसलिए कर्मचारियों को इस प्रक्रिया में आने वाली कठिनाइयों और विभिन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक और अवसर प्रदान किया गया है। इस संदर्भ में, संपत्ति विवरण प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 अगस्त, 2024 कर दिया गया है। इस अतिरिक्त समय का उद्देश्य कर्मचारियों को पोर्टल पर अपनी चल और अचल संपत्तियों का सही ढंग से विवरण दर्ज करने का और मौका देना है। सरकार ने इस निर्णय के माध्यम से सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों को संपत्ति विवरण की घोषणा करने के लिए पर्याप्त समय मिले और वे इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को पूरी तरह से पूरा कर सकें।