नई दिल्ली (ए)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे कभी नहीं चाहते थे कि राज ठाकरे पार्टी छोड़ें। एक विशेष साक्षात्कार में सीएम शिंदे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे की प्रशंसा की।उन्होंने कहा, “कभी-कभी मैं अपने भाषण में कहता हूं कि जब उद्धव जी ने कहा कि लाडली बहन आई है, तो लाडला भाई कब आएंगे? इसलिए मैं लाडला भाई को भी युवा प्रशिक्षण के लिए लाया था। लेकिन मैं उनसे कहता हूं कि जब राज ठाकरे जी उनके साथ थे, तो राज ठाकरे जी को छोड़ने का क्या कारण था? राज ठाकरे जी बालासाहेब के साथ काम करते थे। 1995 के चुनाव की सभी बैठकों में राज ठाकरे शामिल होते थे। वे उनके बगल में थे। लेकिन जब राज ठाकरे को जिम्मेदारी देने की बारी आई तो उद्धव जी की मंशा जागृत होगी।”
उन्होंने कहा कि राज ठाकरे पार्टी से निकाले जाने के बाद भी शिवसेना को मजबूत करने के लिए तत्पर थे। उन्होंने कहा, “जैसे वह अभी-अभी मुख्यमंत्री बने थे और राज ठाकरे को किनारे कर दिया था। उनके मुंह से बुलवाया और स्थापित किया कि उद्धवजी का कार्याध्यक्ष बनाया और उनको हटा दिया। उन्हें हटाने के बाद भी राज ठाकरे कहते थे, मैं इसकी जिम्मेदारी लूंगा।” शिंदे ने कहा, ”शिवसेना कमजोर है लेकिन… और इसीलिए, राज ठाकरे ने छोड़ दिया। बाबा साहेब ठाकरे की इच्छा नहीं थी कि राज ठाकरे जाएं।”
उन्होंने कहा, ”जब पूछा गया कि राज ठाकरे गठबंधन का हिस्सा क्यों नहीं हैं, तो सीएम शिंदे ने कहा, “वे हमारे साथ हैं।” पिछली लोकसभा में वे हमारे मंच पर आए थे। अगर हम साथ मिलकर नहीं लड़ रहे हैं तो वे हमारे खिलाफ भी नहीं हैं। अभी भी समय है। मेरा मतलब है कि वे (राज ठाकरे) उस समय इसके हकदार थे। वे ही थे जो काम कर रहे थे।” महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल का जवाब देते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि, ”हमारी टीम काम कर रही है। मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस पर हमारा ध्यान नहीं है, हमारा ध्यान महायुति की सरकार बनाने पर है।”
राज ठाकरे ने लोकसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन को ‘बिना शर्त’ समर्थन देने की घोषणा की। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव इस साल के अंत में होने हैं। हालाँकि, भारत के चुनाव आयोग ने अभी तक तारीखों की घोषणा नहीं की है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल नवंबर में समाप्त होने वाला है। राज्य में सत्ता में आई शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी तब टूट गई जब एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी और अपने कई विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से हाथ मिला लिया।
इसके बाद राज्य में शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट)-बीजेपी सरकार बनी। एनसीपी के अजित पवार ने अपनी पार्टी प्रमुख के खिलाफ बगावत कर दी और अपने कुछ पार्टी साथियों के साथ भाजपा से हाथ मिला लिया। राज्य में अब महायुति गठबंधन की सरकार है, जिसमें भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी का अजित पवार गुट शामिल है।