नई दिल्ली(ए)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि संसद में विपक्ष का नेता होना सिर्फ संवैधानिक पद का दायित्व नहीं है बल्कि यह करोड़ों भारतीयों की आवाज भी है। गांधी ने कहा, ‘यह सिफर् एक संवैधानिक पद नहीं है – ये करोड़ों भारतीयों की आवाज़ है। विपक्ष के नेता के रूप में, मैं अपनी पहली जि़म्मेदारी मानता हूं, भारत के गरीबों, वंचितों और पीड़ितों की तकलीफ़ें सुनना, उनकी समस्याएं जानना और उनका समाधान निकालना और फिर सड़क से लेकर संसद तक उनकी आवाज़ उठाकर सरकार पर दबाव डालते हुए इनका निदान करना है।’
उन्होंने कहा,’बीते 50 दिनों में, मैंने समस्याओं से जूझ रहे कई लोगों से, समुदायों से मुलाकात की। सभी ने दिल खोल कर अपनी बातें रखीं और मैंने पूरी गंभीरता से उनकी बातें सुनी।हर समूह के मुद्दे सरकार के सामने रखे, उनका समाधान प्रस्तुत किया और अपने साथी भारतीयों को ये भरोसा दिया कि वो जो भी हैं उनकी जैसी भी मजबूरियां हों, उनकी बातें सुनी जाएगी, उन्हें व्यक्त करने का उचित प्लेटफॉर्म मिलेगा।’ नेता प्रतिपक्ष ने कहा,’विपक्ष या सत्ता, जहां भी रहूंगा, आपका हूं, आपका ही रहूंगा – भारत और भारतीयों की आवाज़ बुलंद करता रहूंगा।’