नई दिल्ली(ए)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कई प्रोजेक्ट पर मुहर लगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने आज 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत से 936 किलोमीटर लंबी 8 महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दी। उन्होंने बताया कि इससे देश में लॉजिस्टिक कॉस्ट में कमी आएगी और कनेक्टविटी को बढ़ावा मिलेगा।
बयान के मुताबिक, इन आठ परियोजनाओं के कार्यान्वयन से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से लगभग 4.42 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित होंगे। मंत्रिमंडल की स्वीकृति पाने वाली परियोजनाओं में छह लेन का आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा, चार लेन का खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा और छह लेन का थराद-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा शामिल है। इनके अलावा चार-लेन वाले अयोध्या रिंग रोड, रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा के पत्थलगांव और गुमला के बीच चार-लेन वाले खंड और छह-लेन वाले कानपुर रिंग रोड को भी मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिली है।
इस बीच केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,247 करोड़ की लागत से 231 किलोमीटर लंबे, 4-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड खड़गपुर-मोरग्राम नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना से यात्रा की दूरी 265 किलोमीटर से घटकर 231 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे मालवाहक वाहनों के लिए यात्रा का समय 9-10 घंटे से घटकर 3-5 घंटे रह जाएगा। इससे मुर्शिदाबाद और बीरभूम सहित छह जिलों के लिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी और प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों तक बेहतर पहुंच मिलेगी।