नई दिल्ली (ए)। सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि सरकार नेशनल हाइवेज पर टोल कलेक्शन के लिए एक नया सिस्टम लागू करने जा रही है। इस नए सिस्टम में फास्टैग के साथ-साथ ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) का इस्तेमाल होगा। इस सिस्टम की शुरुआत कर्नाटक में NH-275 के बेंगलुरु-मैसूर हाइवे और हरियाणा में NH-709 के पानीपत-हिसार रूट पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की गई है।
GNSS आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम, फास्टैग की तुलना में और भी तेज होगा। इसके तहत टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि टोल टैक्स वाहन चलते-चलते ही वसूला जाएगा। इस सिस्टम में वर्चुअल टोल गेट्स होंगे जो सैटेलाइट से जुड़े होंगे। जैसे ही कोई वाहन इन वर्चुअल गेट्स से गुजरेगा, टोल का अमाउंट स्वचालित रूप से कट जाएगा। यह सुविधा दुनियाभर के कई देशों में पहले से ही उपलब्ध है, जैसे जर्मनी और रूस।
नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि पिछले 10 वर्षों में शुरू हुए कई नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट्स में 697 परियोजनाएं अपने तय समय से लेट हो रही हैं। इस देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण, वैधानिक मंजूरी, अतिक्रमण हटाना, ठेकेदारों की वित्तीय समस्याएं, कोविड-19 जैसी महामारी, और मौसम की अप्रत्याशित घटनाएं शामिल हैं।