नई दिल्ली(ए) । दिल्ली में नीति आयोग की अहम बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी ने की। वहीं इस बैठक की विपक्षी गठबंधन ने बहिष्कार किया, लेकिन इसके बावजूद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी बैठक में शामिल हुई थी। हालांकि, वे बैठक के बीच से यह कहते हुए निकल गई थी कि बैठक के दौरान उनके माइक्रोफोन को बंद कर दिया गया था। आपको बता दें कि बैठक में विकसित भारत के रोडमैप और इसमें राज्यों की भूमिका समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें गृह मंत्री और रक्षा मंत्री समेत कई कैबिनेट मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया।
केवल घड़ी ही यह दिखा रही थी कि…
वहीं केंद्र की फैक्ट चेकिंग एजेंसी PIB ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस दावे को भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि नीति आयोग की बैठक के दौरान उनके माइक्रोफोन को बंद कर दिया गया था। PIB ने आज अपने बयान में कहा कि “केवल घड़ी ही यह दिखा रही थी कि उनका बोलने का समय समाप्त हो चुका था।”
माइक्रोफोन बंद कर दिए जाने का दावा भ्रामक
PIB ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान ममता बनर्जी का माइक्रोफोन बंद कर दिए जाने का दावा पूरी तरह से भ्रामक है। घड़ी सिर्फ यह दर्शा रही थी कि उनका बोलने का समय समाप्त हो चुका है। यहां तक कि इसके संकेत के लिए घंटी भी नहीं बजाई गई थी।” PIB के अनुसार, यदि वर्णानुक्रम से देखा जाए तो ममता बनर्जी की बोलने की बारी दोपहर के भोजन के बाद आती थी, लेकिन मुख्यमंत्री के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें सातवें वक्ता के रूप में “समायोजित” किया गया।