नई दिल्ली(ए)। वित्तमंत्री निर्मला सीतामरण ने बजट 2024-25 में लग्जरी कारों की किमतें चुपके से बढ़ा दी है। अब कोई भी व्यक्ति 10 लाख से उपर की कार या कोई अन्य सामान खरीदता हो तो इस पर 1 फीसदी की दर से (tax collected at source) TCS लगाया जाएगा। मतलब साफ है देश में मर्सिडीज-BMW जैसी गाड़ियां खरीदने वाले लोगों को अब 50 लाख की गाड़ी के पीछे 50 हज़ार ज्यादा अदा करने पड़ेंगे। हालांकि यदि कोई व्यक्ति आयकरदाता है तो वह अपने अगले साल की इनकम टैक्स रिटर्न में सरकार द्वारा वसूली गई इस रकम का रिफंड हासिल कर सकता है।
CBDT चेयरमेन रवि अगरिवाल ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा है कि इस टैक्स को लगाने का मकसद देश में हो रही हर तरह की लग्जरी खरीददारी पर नज़र रखना है इससे सरकार को यह अंदाजा हो जाएगा कि लोग अपना पैसा कहां खर्च कर रहे है? यदि यह पैसा आपकी अपनी मेहनत की कमाई का है और आपने अपना पैसा आयकर रिटर्नन देने के बाद बचाया है तो आप अगली रिट्रेन में TCS सरकार से वापिस ले सकते है। लेकिन यदि आपके पास इस पैसे को कोई हिसाब नहीं है तो सरकार को न सिर्फ इससे कमाई हो जाएगी ब्लकि ऐसे लोगों के बारे में भी पता लगेगा कि जिनके पास बेहिसाब का पैसा है।
इसके अलावा इस टैक्स का मकसद देश में हो रही लग्जरी समान की सारी खरीद को टैक्स के दायरे मे लाना भी है। दरअसल, देश में कई ऐसे धन-कूबेर है जो लग्जरी चीज़ों की खरीद तो करता है लेकिन कैश में खरीद होने के कारण इन पर सरकार को पूरा लज्गरी टैक्स नहीं देता। इस नए नियम के जरिए सरकार ने इस देश में लग्जरी सामान बेचने वालों को भी TCS काटने के लिए इसमें बाध्य कर दिया है। इससे सरकार का रेवेन्यू बढ़ेगा।