भिलाई नगर। पुणे, ओडिशा, महाराष्ट्र, कोलकाता, आसाम, उत्तर प्रदेश, बिहार से भिलाई दुर्ग में रह कर शिक्षा, नौकरी, व्यवसाय तथा यहां रह कर अन्य राज्यों में सर्विस कर रहे युवाओं के लिए रेल सुविधा विस्तार और दुर्ग में स्टापेज से वंचित ट्रेनों के लिए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का ध्यानाकर्षण कराते हुए वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने उन्हें पत्र लिख दुरंतो, गरीब रथ, कर्मभूमि एक्सप्रेस जैसे अनेक ट्रेनों के लिए आवश्यक सुझाव दिए हैं।
वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने केंद्रीय रेल मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि भिलाई दुर्ग जो कि छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा नगर एवं एक कॉस्मोपॉलिटन सिटी है। यहाँ अटक से लेकर कटक तक एवं कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के विभिन्न राज्यों के हर नागरिक बहुतयात में निवासरत हैं। शिक्षाधानी के रूप में देश विदेश में प्रख्यात भिलाई में आस पास राज्य के बच्चे शिक्षा लेने आते हैं और यहाँ से पढ़े लिखे बच्चे अपनी सेवाएं देश-विदेश के विभिन्न क्षेत्र में दे रहे है। यहां एशिया का सबसे बड़ा भिलाई स्टील प्लांट स्थापित है, भारत देश के रेल मंत्रालय अधीन भारतीय रेल की पटरियों का निर्माण भिलाई स्टील प्लांट द्वारा ही किया जाता है। भारतीय प्रौद्योगिकी के साथ ही भिलाई दुर्ग में बहुत से इंजीनियरिंग एवं अन्य कॉलेज, विभिन्न कोचिंग संस्थान होने से देश के विभिन्न क्षेत्र के बच्चे आ के पढ़ाई करते हैं। जीएसटी एवं अन्य टैक्सेज कलेक्शन में भी भिलाई दुर्ग छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा राजस्व हब है तथा रेलवे राजस्व के मामले में भी दुर्ग का स्थान राज्य में रायपुर के बाद दूसरा ही है परन्तु उसके बाद कई ट्रेन का ठहराव विगत 10 वर्षों से दुर्ग स्टेशन पर नहीं हो रहा है। ट्रेन संख्या 22865/22866 जो हफ्ते में एक बार छत्तीसगढ से गुजरती है और मुंबई के लोकमान्य तिलक से चलकर ओडिशा राज्य के पुरी तक जाती है इसका ठहराव दुर्ग में न होकर रायपुर, बिलासपुर के बाद रायगढ़ है। ट्रेन संख्या 12879/12880 जो हफ्ते में दो बार छत्तीसगढ से गुजरती है और मुंबई के लोकनान्य तिलक से चलकर ओडिशा के भुबनेश्वर तक जाती इसका ठहराव भी दुर्ग में न देकर रायपुर, बिलासपुर के बाद चांपा एवं रायगढ़ में दिया गया है। इसी तरह कर्मभूमि एक्सप्रेस 22511/22512 जो हफ्ते में एक बार छत्तीसगढ़ से गुजरती है और मुंबई के लोकमान्य तिलक से चलकर कामाख्या देवी तक जाती है। यह छत्तीसगढ़ राज्य से होती हुई आसाम जाती है जिसका ठहराव दुर्ग में न होकर रायपुर, बिलासपुर के बाद खरसिया एवं रायगढ़ में दिया गया है जिससे भिलाईवासी कामाख्या देवी के दर्शन से वंचित हो जाते हैं। दुरंतो एक्सप्रेस 12221/12222 जो हफ्ते में दो बार छत्तीसगढ़ से गुजरती है और पुणे से कोलकाता चलती है इसका ठहराच राज्य के रायपुर एवं बिलासपुर मात्र में ही दिया गया है जबकि दुर्ग ठहराव से पुणे में पढ़ रहे अनेक बच्चे, उनके अभिभावक, व्यपारीगण एवं मराठा समुदाय के लोगो को पुणे जाने के लिए एक अन्य ट्रैन का विकल्प मिल जायेगा। राजधानी एक्सप्रेस 12441/12442 एवं वन्दे भारत एक्सप्रेस 20825/20826 जैसे बड़ी ट्रेनों का ठहराव दुर्ग में दिया गया है, अगर ये समस्त चारों ट्रेन यहां रुकती हैं तो दुर्ग से रेलवे को बहुत अच्छा राजस्व प्राप्त होगा एवं मात्र 5 मिनट के ठहराव से यहाँ के व्यापारी एवं रहवासियों को भी अनेक विकल्प मिल जायेंगे। उसी प्रकार 12535/12536 गरीब रथ जो हफ्ते में दो बार रायपुर से चल कर लखनऊ तक जाती है, का विस्तारीकरण दुर्ग तक करना चाहिए क्योंकि दुर्ग में न सिर्फ राज्य का बिलासपुर के बाद दूसरा सबसे बड़ा ट्रेनों को रखने के लिए यार्ड है अपितु यहाँ ट्रेनों की सफाई के लिए भी उच्च प्रबंध है। इस ट्रेन के दुर्ग तक विस्तार से उत्तर प्रदेश जाने के लिए एक और विकल्प मिलेगा एवं भिलाई दुर्ग में निवासरत उत्तर प्रदेश के लोग बड़े तोर पे लाभान्वित होंगे। जिस प्रकार बरौनी दुर्ग एक्सप्रेस जो कि कई दशकों से दुर्ग से चलकर बिहार तक जाती थी का विस्तार गोंदिया तक किया गया है अब ये ट्रेन गोंदिया से चलती है उसी प्रकार गरीब रथ का भी विस्तार दुर्ग तक अवश्य होना चाहिए।
श्री सेन ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव लिखे पत्र में आगे कहा है कि इन समस्त ट्रेन का ठहराव दुर्ग में न कर यहाँ के लोगों को विगत कई सालो से उपेक्षित किया जा रहा है। भारतीय रेलवे को पटरी प्रदाय करने वाले शहर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी जैसे विभिन्न शैक्षणिक संस्थान वाले शहर को इस गंभीर विषय पर राहत देने अवश्य विचार करना चाहिए क्योंकि इस निर्णय से उत्कल, बांग्ला, यूपी, बिहार, आसाम सहित कई राज्यों के लोग जो दुर्ग भिलाई में निवासरत हैं उनकी यात्रा सुविधा को विस्तार और बड़ी सहुलियत मिलेगी।
चार प्रमुख ट्रेन का स्टापेज और गरीब रथ का विस्तार दुर्ग तक करने विधायक रिकेश ने लिखा केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र
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