रियासी/नईदिल्ली (ए)। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के तहत ट्रेन के जरिये कश्मीर जाने वालों का सपना पूरा होने में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। यह सपना धीरे-धीरे वास्तविकता के और करीब आता जा रहा है। गुरुवार को संगलदान से रियासी के लिए दस डिब्बों वाली रेलगाड़ी का ट्रायल किया गया, जो कि पूरी तरह से सफल रहा।इस दौरान ट्रेन दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे पुल से होकर भी गुजरी। यह पुलिस एफिल टावर से भी ऊंचा है। इस पुल की ऊंचाई 359 मीटर है और एफिल टावर की ऊंचाई 300 मीटर है। 1,486 करोड़ की लागत से निर्मित इस पुल के निर्माण में 30 हजार मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है। यह 260 किलोमीटर प्रति घंटे तक की हवा का सामना कर सकता है।
सफल ट्रायल पर गूंजे भारत मां के जयघोष
गुरुवार को बारह बजे के करीब ट्रेन संगदान से रियासी के लिए निकली। दोपहर दो बजे के करीब ट्रेन रियासी रेलवे स्टेशन पर पहुंची। ट्रेन में परियोजना पर काम करने वाले कर्मचारियों को बिठाया गया था। इसके अलावा रेलवे के अधिकारी भी उसमें मौजूद रहे। ट्रेन के रियासी रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही भारत माता की जय के जयघोष गूंज उठे। मौके पर स्थानयी लोग इन पलों का साक्षी बनने के लिए उपस्थित रहे। बताया जाता है कि रियासी से कश्मीर तक ट्रेन को जल्द ही चलाया जा सकता है।
इससे पहले रविवार, 16 जून को संगलदान से रियासी तक रेल के इंजन का सफल ट्रायल हुआ।
संगलदान से रिसासी तक रेल चलाने के सफल ट्रायल के बाद से लोगों, खासकर युवाओं में खुशी की लहर है। रविवार को ट्रैक के निरीक्षण के लिए पहली बार रियासी स्टेशन तक विद्युत चलित इंजन सीटियां बजाता हुआ पहुंचा था। इसे देखने के लिए युवाओं की भीड़ भी रियासी स्टेशन पर एकत्रित हुई थी। युवाओं का कहना है कि इस ट्रैक पर ट्रेन चलने के बाद व्यापार में वृद्धि होगी और रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे। इसलिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन जल्द से जल्द इस ट्रैक पर ट्रेन चलाए।