नई दिल्ली(ए)। पश्चिम से आने वाली हवाओं ने मौसम को दो तरह से प्रभावित कर रखा है। पहला उत्तर भारत के कई राज्यों में प्रचंड गर्मी पड़ रही है और दूसरा मानसून के रास्ते को भी रोक रखा है। बंगाल की खाड़ी में दो हफ्ते पहले उठे ‘रेमल’ चक्रवात से मानसून को जो गति मिली थी, वह अब लगभग थम गई है।
जल्द ही गति पकड़ सकता है मानसून
मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि 10 जून के बाद मानसून आगे नहीं बढ़ा है। जहां था, वहीं स्थिर है। किंतु अच्छी बात यह है कि अब अनुकूल स्थितियां बनने लगी हैं। चार-पांच दिनों में मानसून फिर अपनी गति पकड़ सकता है। भारत में जून से सितंबर के बीच मानसून की दो शाखाएं सक्रिय रहती हैं। एक शाखा बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आती है और दूसरी अरब सागर की ओर से प्रवेश करती है। बंगाल की खाड़ी वाली शाखा अभी बेहद कमजोर पड़ गई है, किंतु पश्चिमी शाखा सक्रिय है।
कई राज्यों में हो रही मानसूनी बारिश
इसके चलते गुजरात एवं राजस्थान के कुछ इलाकों समेत दक्षिणी राज्यों में अच्छी मानसूनी बारिश हो रही है। पूर्वी शाखा सबसे ज्यादा क्षेत्र को प्रभावित करती है। इसके सुस्त पड़ जाने से देश की औसत वर्षा पर व्यापक असर पड़ा है।
देश में अब तक हुई नौ प्रतिशत कम बारिश
आईएमडी के अनुसार देश में समग्र रूप से अभी तक नौ प्रतिशत कम बारिश हुई है, जबकि शुरू में कहा गया था कि पूरे वर्ष औसत से छह प्रतिशत तक ज्यादा बारिश होगी। हालांकि दक्षिणी राज्यों में अत्यधिक वर्षा हो रही है। औसत से भी 50 प्रतिशत अधिक हो चुकी है। उत्तर-पश्चिमी हिस्से में 57 प्रतिशत और उत्तर-पूर्व में 30 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
इन राज्यों में भारी बारिश के आसार
आईएमडी के अनुसार, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश, पश्चिमी बंगाल एवं पूर्वी बिहार के कुछ हिस्सों में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल होने लगी हैं। चार-पांच दिनों में बंगाल, सिक्किम एवं पूर्वोत्तर भारत में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। इसी दौरान पूर्वी मानसून गति पकड़ सकता है और बिहार-झारखंड से आगे बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश की ओर रुख कर सकता है।
उत्तर भारत में लू का अलर्ट
इस बीच आईएमडी ने दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में अगले चार से पांच दिनों तक हीट वेव (लू) की स्थिति रहने की चेतावनी जारी की है। कहा गया है कि पश्चिमी हवाओं के जारी रहने तक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रचंड गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इन राज्यों के कुछ हिस्सों में 18 जून तक, झारखंड और बिहार में 15 जून तक लू की स्थिति रह सकती है।
मानसून से दिल्ली अभी काफी दूर
निजी एजेंसी स्काईमेट का अनुमान है कि मानसून के दिल्ली पहुंचने में अभी दो हफ्ते से ज्यादा का समय लग सकता है। प्रारंभिक अनुमान में दिल्ली तक मानसून के पहुंचने की तिथि 25 जून से पहले बताई गई थी, किंतु अब माना जा रहा कि सप्ताह भर की देर हो सकती है।
दिल्ली में कब होगी बारिश?
स्काइमेट का मानना है कि पश्चिमी हवाओं की गति तेज है, जो बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आ रही पूर्वी हवाओं को उत्तर-पश्चिम में आगे बढ़ने नहीं दे रही है। हवा की दिशा जब बदलेगी तभी मानसून आगे बढ़ेगा। मानसून एक बार जब गति पकड़ लेगा तो फिर तेजी से आगे बढ़ेगा। इस महीने के अंत तक दिल्ली, हरियाणा एवं पश्चिमी यूपी तक पहुंच सकता है।