Home देश-दुनिया जेपी को कर्नाटक पुलिस ने किया तलब, सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट को लेकर FIR दर्ज

जेपी को कर्नाटक पुलिस ने किया तलब, सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट को लेकर FIR दर्ज

by admin

नईदिल्ली (ए)। कर्नाटक पुलिस ने आपत्तिजनक एनिमेटेड वीडियो मामने में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को तलब किया है। उनके साथ ही आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। कर्नाटक पुलिस की यह कार्रवाई कर्नाटक बीजेपी द्वारा एक आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने को लेकर की जा रही है।

कर्नाटक बीजेपी द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एनिमेटेड वीडियो में मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षण पर जारी विवाद को मुद्दा बनाया गया है लेकिन वीडियो मुस्लिम समुदाय और कांग्रेस को आपत्तिजनक रूप से पेश करता है। इसके ख़िलाफ़ शिकायत के बाद कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज कराई थी।

बीजेपी की राज्य ईकाई के उस वीडियो के खिलाफ कांग्रेस नेता रमेश बाबू ने शिकायत दी थी। इसमें उन्होंने कहा था कि यह वीडियो न सिर्फ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है बल्कि एससी, एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत अपराध भी है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि इस वीडियो से समुदायों के बीच दुश्मनी, नफरत और दुर्भावना भड़क सकती है। उन्होंने इस वीडियो के माध्यम से लोगों को डराने का आरोप भी लगाया था।

बीजेपी की ओर से जो एनिमेटेड वीडियो पोस्ट किया गया था उसमें एससी, एसटी और ओबीसी को एक घोंसले में अंडे के रूप में दिखाया गया। वीडियो में कांग्रेस नेताओं को एक मुस्लिम लिखा बड़ा अंडा रखते दिखाया गया। इसके बाद अंडे से बच्चे निकलते हैं। कांग्रेस नेताओं को सिर्फ़ बड़े को फंड खिलाते दिखाया गया। बाद में वह बड़े अंडे से निकला बच्चा, बाक़ी अंडों से निकले बच्चों को बाहर फेंक देता है। इस तरह फंड के माध्यम से एससी, एसटी और ओबीसी के मुकाबले मुस्लिम समुदाय का पक्ष लेते हुए दिखाया गया है।

इस मामले में चुनाव आयोग ने भी अब कार्रवाई की है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को ही कर्नाटक भाजपा के विवादित वीडियो को हटाने का आदेश सोशल मीडिया साइट एक्स को दिया है। चुनाव आयोग ने इस बात पर आपत्ति जताई कि जब कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इसे हटाने का निर्देश दिया था तो उनके आदेश का पालन नहीं किया गया।

चुनाव आय़ोग का यह निर्देश ऐसे दिन जारी हुआ जिस दिन कर्नाटक की बाक़ी रही 14 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे थे। कर्नाटक की अन्य 14 संसदीय सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान हो चुका था। यानी जब तक वीडियो हटाया गया तब तक पूरे राज्य में वोट डाले जा चुके थे।

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