Home देश-दुनिया शाह का फर्जी वीडियो मामला : दिल्ली पुलिस ने रेवंत रेड्डी को समन जारी किया, असम में 1 गिरफ्तार

शाह का फर्जी वीडियो मामला : दिल्ली पुलिस ने रेवंत रेड्डी को समन जारी किया, असम में 1 गिरफ्तार

by admin

नईदिल्ली (ए)। दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर फैलाए गये केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ‘फर्जी वीडियो’ के सिलसिले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को एक मई को जांच में शामिल होने को कहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित कुछ राज्यों ने भी मामले में कार्रवाई की है और पहली गिरफ्तारी असम में हुई है। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि उसके शासन वाले राज्यों में भाजपा नेताओं के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जा सकती है। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि उसने चुनाव प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए शाह के “डीप फेक और छेड़छाड़ किए गए” वीडियो प्रसारित किया। भाजपा ने मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने रेड्डी समेत कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के पांच सदस्यों को नोटिस भेजा है। रेड्डी ने उक्त वीडियो ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस की विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम ने सोमवार को हैदराबाद में मुख्यमंत्री कार्यालय और कांग्रेस के कार्यालय गांधी भवन को एक नोटिस सौंपा। सूत्रों ने बताया कि रेड्डी को पूछताछ के दौरान अपना मोबाइल फोन साथ में लाने को कहा गया है जिसका कथित इस्तेमाल फर्जी वीडियो ‘एक्स’ पर साझा करने में किया गया था। कर्नाटक के सेडम में कांग्रेस की चुनावी रैली को संबोधित करते हुए रेड्डी ने कहा कि ऐसे नोटिस से “यहां कोई नहीं डरता”।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब चुनाव जीतने के लिए दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि ‘फर्जी वीडियो’ के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “असम पुलिस ने माननीय गृहमंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में श्री रीतम सिंह नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।” शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति 31 वर्षीय रीतम सिंह असम कांग्रेस से जुड़े हैं और पार्टी के ‘वार रूम’ संयोजक के तौर पर काम करते हैं। विपक्षी दल ने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि सिंह को चुनाव के बीच में केवल इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने सरकार की नीतियों की आलोचना की थी। असम की कांग्रेस इकाई ने सिंह की गिरफ्तारी की निंदा की है।

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष वेदव्रत बोरा ने एक बयान में कहा, “रीतम सिंह को गिरफ्तार करना लोकतंत्र के खिलाफ है। सिंह हमारे ‘वॉर रूम’ का हिस्सा हैं और उन्हें चुनाव के बीच में केवल इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने सरकार के कार्यों की आलोचना की थी।” उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को सरकार की नीतियों की आलोचना करने का अधिकार है और असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने चुनाव प्रचार के दौरान युवा वकील की गिरफ्तारी की निंदा की। बयान के मुताबिक पार्टी ने सिंह की तत्काल रिहाई की मांग की। बाद में, असम पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रणव ज्योति गोस्वामी ने एक बयान में कहा कि शाह के बारे में एक्स पर ‘‘विकृत और प्रेरित” पोस्ट के संबंध में एक शिकायत के आधार पर पानबाजार पुलिस थाना क्षेत्र में एक मामला दर्ज किया गया है।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने सोशल मीडिया मंचों पर शाह का फर्जी वीडियो फैलाए जाने के सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद रविवार को मामला दर्ज किया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कथित फर्जी वीडियो में, तेलंगाना में धार्मिक आधार पर मुसलमानों के लिए आरक्षण समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताने का संकेत देने संबंधी शाह के बयान को तोड़-मरोड़कर इस तरह दिखाया गया है जैसे कि वह हर तरह का आरक्षण समाप्त करने की वकालत कर रहे हों। पुलिस ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच द्वेष को बढ़ावा देना), 465 (जालसाजी), 469 (किसी भी पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाजी), और 171जी (चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के इरादे से गलत बयान प्रकाशित करना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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