Home देश-दुनिया SBI ने EC को भेजा चुनावी बॉन्ड का ब्योरा, सोमवार को Supreme Court ने दी थी सख्त हिदायत

SBI ने EC को भेजा चुनावी बॉन्ड का ब्योरा, सोमवार को Supreme Court ने दी थी सख्त हिदायत

by admin

नईदिल्ली (ए)। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में मंगलवार शाम को चुनाव आयोग को चुनावी बॉण्ड का विवरण सौंपा। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसबीआई को 12 मार्च को कामकाजी समय समाप्त होने तक चुनाव आयोग को चुनावी बॉण्ड के विवरण सौंपने का आदेश दिया था। आदेश के मुताबिक, चुनाव आयोग को 15 मार्च शाम पांच बजे तक बैंक द्वारा साझा की गई जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी होगी।

चुनाव आयोग ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के 15 फरवरी और 11 मार्च, 2024 के आदेश के सिलसिले में एसबीआई को दिए गए निर्देशों के अनुपालन में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने चुनाव आयोग को 12 मार्च को चुनावी बॉण्ड पर विवरण सौंपा है।” सूत्रों के मुताबिक, एसबीआई ने शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करते हुए चुनावी बॉण्ड का विवरण चुनाव आयोग को सौंप दिया है। एसबीआई ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्त में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड जारी किए।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द करते हुए इसे ‘‘असंवैधानिक” करार दिया और चुनाव आयोग को दानदाताओं, उनके द्वारा दान की गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का खुलासा करने का आदेश दिया। एसबीआई ने विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने बैंक की याचिका खारिज कर दी और उसे मंगलवार को कामकाजी समय समाप्त होने तक सभी विवरण चुनाव आयोग को सौंपने को कहा। राजनीतिक वित्तपोषण में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बॉण्ड पेश किया गया था। चुनावी बॉण्ड की पहली बिक्री मार्च 2018 में हुई थी।

चुनावी बॉण्ड राजनीतिक दल द्वारा अधिकृत बैंक खाते के माध्यम से भुनाए जाने थे और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) इन बॉण्ड को जारी करने के लिए एकमात्र अधिकृत बैंक है। किसी पात्र राजनीतिक दल द्वारा चुनावी बॉण्ड केवल अधिकृत बैंक के बैंक खाते के माध्यम से भुनाए जाते थे। चुनावी बॉण्ड भारतीय नागरिकों या देश में पंजीकृत या स्थापित संगठनों द्वारा खरीदे गए थे। ऐसे पंजीकृत राजनीतिक दल चुनावी बॉण्ड के माध्यम से धन प्राप्त करने के पात्र थे, जिन्होंने पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनावों में मतदान का कम से कम एक प्रतिशत वोट हासिल किया था।

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