भोलेनाथ को अर्पित करें ये चीजें (Mahashivratri Puja Vidhi)
नईदिल्ली (ए)। आज के दिन शिवलिंग पर कुछ चीजें अर्पित करने से भोलेनाथ की कृपा मिलती है. आज शिव जी को दही,दूध,शहद,घी,जल,गंगा जल,अक्षत,मोली,चंदन,बिल्वपत्र,सुपारी,पान,फूल,फल,मिठाई, धतूरा,शमी के पत्ते,गन्ने का रस और रुद्राक्ष जैसी चीजें अर्पित करनी चाहिए.
महाशिवरात्रि की चार प्रहर की पूजा का समय (Mahashivratri Prahar Puja Time)
प्रथम प्रहर पूजा का समय- 8 मार्च की शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात्रि 09 बजकर 28 मिनट तक
दूसरे प्रहर पूजा का समय- रात्रि 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च मध्य रात्रि 12 बजकर 31 मिनट तक
तीसरे प्रहर पूजा का समय- 9 मार्च मध्य रात्रि 12 बजकर 31 मिनट से प्रातः 03 बजकर 34 मिनट तक
चतुर्थ प्रहर पूजा का समय- 9 मार्च को प्रातः 03 बजकर 34 मिनट से सुबह 06 बजकर 37 मिनट तक
आज मनाई जा रही है महाशिवरात्रि, जानें जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त (Mahashivratri Shubh Muhurt 2024)
पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि 8 मार्च की रात में 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 9 मार्च को 6 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी. निशिता काल 8 मार्च की रात 12 बजकर 05 मिनट से लेकर 9 मार्च को रात 12 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. इस पूरे समय आप कभी भी शिव जी का जलाभिषेक कर सकते हैं.
हाशिवरात्रि की पूजा के लिए कम बस इतना समय
महाशिवरात्रि का पर्व कल शुक्रवार 08 मार्च को है. कल निशिता काल में शिवजी की पूजा के लिए मध्यरात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक का समय है. पूजा के लिए केवल 48 मिनट का ही शुभ मुहूर्त है.
महाशिवरात्रि पर 300 साल बाद दुर्लभ संयोग
महाशिवरात्रि पर ऐसे योग संयोग व ग्रहों की स्थिति बनी है जो 300 साल में एक या दो बार बनती है. महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र उपरांत धनिष्ठा नक्षत्र, शिवयोग, गर करण तथा मकर/कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी रहेगी. वहीं, कुंभ राशि में सूर्य, शनि, बुध का युति संबंध रहेगा. इस प्रकार के योग तीन शताब्दी में एक या दो बार बनते हैं, जब नक्षत्र, योग और ग्रहों की स्थिति केंद्र त्रिकोण से संबंध रखती है.