Home देश-दुनिया महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा का शुभ मुहर्त, विधि, मंत्र, सामग्री यहां जानें

महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा का शुभ मुहर्त, विधि, मंत्र, सामग्री यहां जानें

by admin

 महाशिवरात्रि पर 300 साल बाद दुर्लभ संयोग

नईदिल्ली (ए)।  महाशिवरात्रि पर ऐसे योग संयोग व ग्रहों की स्थिति बनी है जो 300 साल में एक या दो बार बनती है. महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र उपरांत धनिष्ठा नक्षत्र, शिवयोग, गर करण तथा मकर/कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी रहेगी. वहीं, कुंभ राशि में सूर्य, शनि, बुध का युति संबंध रहेगा. इस प्रकार के योग तीन शताब्दी में एक या दो बार बनते हैं, जब नक्षत्र, योग और ग्रहों की स्थिति केंद्र त्रिकोण से संबंध रखती है.

महाशिवरात्रि व्रत में भूलकर न खाएं ये चीजें

महाशिवरात्रि के दिन अगर आप व्रत रखते हैं तो आपको व्रत के दौरान गेहूं, चावल, दाल या साबुत अनाज नहीं खान चाहिए. साथ ही सादे नमक का भी उपयोग न करें. महाशिवरात्रि के दिन भूलकर भी घर पर मांस-मदिरा न लाएं और न ही बनाएं.

Mahashivratri 2024 Vrat Niyam: महाशिवरात्रि व्रत के नियम

  • महाशिवरात्रि का व्रत आप निर्जला या फलाहार रख सकते हैं. लेकिन जैसा भी व्रत करें उसका पूर्णरूप से पालन करें.
  • आप एक समय का व्रत रख सकते हैं. लेकिन इसमें केवल एक समय फलाहार ही करें या केवल एक समय बिना नमक का भोजन.
  • महाशिवरात्रि का व्रत रखने वालों को शाम के समय शिवजी की पूजा के बाद ही भोजन करना चाहिए. जो भक्त पूर्ण रात्रि व्रत रखते हैं वह चारों प्रहर की पूजा के बाद अगले दिन सूर्योदय के बाद ही भोजन ग्रहण करें.
  • महाशिवरात्रि व्रत में पूजा के दौरान शिवलिंग पर चढ़ा हुआ भोग भी नहीं खाना चाहिए. आप अगले दिन इस प्रसाद को खा सकते हैं
  • शिवरात्रि के दिन जो लोग व्रत रखते हैं, उन्हें दिन में सोना नहीं चाहिए.
  • Adiyogi Shiva: शिव को क्यों कहते हैं आदियोगी

    शिवजी को हिंदू धर्म में आदिगुरु या आदियोगी के रूप भी पूजा जाता है. मान्यता है कि सबसे पहले जिन सात लोगों (सप्तऋषियों) को वैदिक ज्ञान की प्राप्ति शिव से हुई, वो सप्त ऋषि कहलाएं. इसका अर्थ यह है कि शिव से ही योग, धर्म, कर्म और वैदिक ज्ञान का उद्गम हुआ. इसलिए शिव को आदियोगी कहा जाता है.

    Mahashivratri 2024 Shubh Muhurat: महाशिवरात्रि के दिन शुभ मुहूर्त

    अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट
    विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 17 मिनट
    गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 23 मिनट से 06 बजकर 48 मिनट
    सायाह्न संध्या मुहूर्त शाम 06 बजकर 25 मिनट से 07 बजकर 39 मिनट
    अमृत काल मुहूर्त रात 10 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 08 मिनट
    सर्वार्थ सिद्धि योग
    सुबह 06 बजकर 38 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट

    हाशिवरात्रि का सही मुहूर्त क्या है, यहां जानिए

    चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 08 मार्च 2024, रात 09 बजकर 57 मिनट से
    चतुर्दशी तिथि समाप्त: 09 मार्च 2024 शाम 06 बजकर 17 मिनट

    महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में करने का महत्व है. इसलिए महाशिवरात्रि का पर्व 08 मार्च को मनाया जाएगा.

    महाशिवरात्रि की पूजा में शिवजी को चढ़ाएं ये 7 पत्ते

    शिवजी को बेल के पत्ते के साथ ही अन्य वृक्षों के पत्ते भी बहुत प्रिय हैं, जिन्हें महाशिवरात्रि के दिन शिवजी की पूजा में जरूर चढ़ाएं. शिवजी के प्रिय पत्तों में पीपल के पत्ते, शमी के पत्ते, भांग के पत्ता, धतूरा का पत्ता, अपामार्ग या चिरचिटा का पत्ता और दूर्वा शामिल है.

    Mahashivratri 2024 Bhog: महाशिवरात्रि पर शिव जी को लगाएं इन 5 चीजों का भोग

    महाशिवरात्रि पर शिव जी को भोग में मखाने की खीर, शकरकंद का हलवा, भांग के पकौड़े, ठंडाई, मालपुआ अर्पित करें. मान्यता है भोलेनाथ को ये सभी चीजें बेहद प्रिय है. इसके अलावा फल में केला, बेल, बेर, धतूरे का फल, निबौली शिव पूजा में इस्तेमाल करना चाहिए.

    Mahashivratri 2024 Mantra: महाशिवरात्रि पर इन मंत्रों से करें पूजन

    1- महामृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

    2– रुद्र गायत्री मंत्र – ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।

    3– पंचाक्षरी मंत्र – ऊं नम: शिवाय

    4- ॐ हौं जूं स:

    5- ॐ पार्वतीपतये नमः

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