नईदिल्ली (ए)। Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली से चुनावी डेब्यू करेंगी. सूत्रों के हवाले से खबर है कि राहुल गांधी एक बार फिर अपनी पुरानी सीट अमेठी से चुनाव लड़ेंगे. 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की स्मृति ईरानी ने उन्हें हराया था. राहुल गांधी केरल में वायनाड की अपनी वर्तमान सीट से भी लड़ेंगे.
प्रियंका गांधी का चुनावी राजनीति में प्रवेश का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था. सोनिया गांधी रायबरेली से दोबारा चुनाव नहीं लड़ेंगी, यह सीट वह 2019 सहित अतीत में पांच बार जीत चुकी हैं. 2019 में वह यूपी लोकसभा सीट जीतने वाली एकमात्र कांग्रेस नेता थीं.
सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता से भावनात्मक अपील की. कांग्रेस द्वारा सोनिया गांधी के रायबरेली से हटने की पुष्टि के बाद, ऐसी अटकलें थीं कि प्रियंका गांधी वाड्रा को इस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ाया जाएगा.
राहुल बनाम स्मृति, अमेठी
2019 में स्मृति ईरानी ने अमेठी से राहुल गांधी को 55,000 वोटों से हराया. इस बार भी वो इसी सीट से चुनाव लड़ेंगी. राहुल गांधी ने भी चुनावी डेब्यू अमेठी सीट से किया था. इसके बाद उन्होंने यहा 2009 और 2014 में भी जीत दर्ज की. हालांकि, बीते लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने उन्हें 50 हजार से ज्यादा मतों से हरा दिया था.
भारतीय जनता पार्टी ने बीते शनिवार को ही 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. अमेठी से पार्टी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को फिर से मौका दिया है. हालांकि, अब तक रायबरेली से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है. पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस सीट से भाजपा मनोज पांडे को मौका दे सकती है.
1951 से 1962 तक लगातार कांग्रेस की जीत
अमेठी लोकसभा सीट का गठन 1967 में हुआ था. पहले यह सुल्तानपुर दक्षिण सीट का हिस्सा था और 1951 से 1962 तक लगातार कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की. आज जिस अमेठी लोकसभा के चुनाव पर देश की नजर रहती है उसका वजूद देश के स्वतंत्र होने के दो दशक बाद आया था. 1971 में इस सीट का नाम मुसाफिर खाना था और इस बार भी कांग्रेस ने यहां से जीत हासिल की. 1977 के लोकसभा चुनाव में संजय गांधी ने यहां से नामांकन दाखिल किया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा
क्या है अमेठी का जातीय समीकरण
1999 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी सांसद चुनी गईं और 2004 से 2009 और 2014 तक लगातार लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी सांसद चुने गए. जातिगत समीकरणों की बात करें तो 18 फीसदी ब्राह्मण, 11 फीसदी ठाकुर, 16 फीसदी यादव 20 फीसदी मुस्लिम और 26 फीसदी दलित हैं. कुल मिलाकर इस सीट पर भी जाति से ऊपर उठकर वोट पड़े हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी फैक्टर बड़ी भूमिका निभा सकता है, क्योंकि यहां सबसे अधिक दलित की आबादी है. ऐसे में अगर मायावती की पार्टी यहां से किसी नेता को उम्मीदवार बनाती है तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए यहां की चुनावी लड़ाई आसान नहीं होगी.