नईदिल्ली (ए)। केंद्र सरकार द्वारा सरोगेसी (रेगुलेशन) रूल्स 2022 के नियम 7 में बदलाव करने के बाद सरोगेसी के जरिए बच्चा चाहने वाला कोई भी विवाहित महिला या पुरुष, डोनर एग या स्पर्म के जरिए पेरेंट्स बन सकता है, लेकिन दोनों में से एक गेमेट ( शुक्राणु या अंडाणु) दंपती का ही होना चाहिए।
अधिसूचना में कहा गया है कि यदि जिला मेडिकल बोर्ड प्रमाणित करता है कि इच्छुक जोड़े में से कोई भी पति या पत्नी ऐसी चिकित्सीय स्थिति से गुजर रहे हैं जिसके लिए डोनर Gametes की आवश्यकता होती है तो डोनर Gametes का उपयोग करके सेरोगेसी की अनुमति दी जाती है। यह बदलाव सिंगल मदर के लिए भी खुशखबरी है।
विधवा या तलाकशुदा महिला भी अपने एग के लिए डोनर स्पर्म का इस्तेमाल कर सकती है। यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट से पूछे गए सवाल के बाद हुआ है। जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि कई महिलाओं ने नियम 7 के खिलाफ अपील की है। इसके बावजूद इस पर कोई फैसला क्यों नहीं हो पा रहा है।