नईदिल्ली (ए)। सरकार ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की अधिकृत पूंजी को 10 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 21 हजार करोड़ रुपये करने की घोषणा की है। गौरतलब है कि एफसीआई देश की खाद्य सुरक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खाद्यान्न की खरीद, रणनीतिक खाद्यान्न भंडार का रखरखाव, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को वितरण व बाजार में खाद्यान्न की कीमतों का स्थिरीकरण शामिल है।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि अधिकृत पूंजी में दो गुना से अधिक की वृद्धि अपने जनादेश को प्रभावी ढंग से पूरा करने में एफसीआई की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। फंड की आवश्यकता के अंतर को पूरा करने के लिए, एफसीआई नकद ऋण, अल्पावधि ऋण, तरीके और साधन अग्रिमों का सहारा लेता है। अधिकृत पूंजी में वृद्धि ब्याज का बोझ कम होगा, आर्थिक लागत कम होगी और अंततः सरकार की सब्सिडी में कमी भी आएगी।
पूंजी के इस प्रवाह के साथ, एफसीआई अपनी भंडारण सुविधाओं का आधुनिकीकरण, परिवहन नेटवर्क में सुधार और उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर भी काम करेगा। मंत्रालय ने कहा कि ये उपाय न केवल फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करने के लिए, बल्कि उपभोक्ताओं को खाद्यान्न के कुशल वितरण को सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक हैं।
सरकार कार्यशील पूंजी की आवश्यकता और पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए एफसीआई को इक्विटी प्रदान करती है। एफसीआई मौजूदा आंतरिक प्रणालियों (एफएपी, एचआरएमएस) और बाहरी प्रणालियों (राज्य खरीद पोर्टल, सीडब्ल्यूसी/एसडब्ल्यूसी) का लाभ उठाते हुए एक एकीकृत आईटी प्रणाली बनाने के लिए व्यापक पहल कर रहा है। ई-ऑफिस कार्यान्वयन ने पहले ही एफसीआई को कम कागजी संगठन बना दिया है। एफसीआई के लिए मुख्य परिचालन सॉफ्टवेयर के रूप में काम करने वाले एकीकृत आईटी समाधानों की ये पहल, सूचना का एक एकल स्रोत प्रदान करेगी और कार्यों को सुव्यवस्थित करेगी।
अपनी दक्षता बढ़ाने के एक हिस्से के रूप में, एफसीआई सीमेंट सड़कों, छत के रखरखाव, रोशनी और वेटब्रिज अपग्रेड, खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने जैसे कार्यों को निष्पादित कर रहा है। प्रयोगशाला उपकरणों की खरीद और क्यूसी प्रयोगशालाओं के लिए एक सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म के विकास का उद्देश्य गुणवत्ता जांच में सुधार करना है। मंत्रालय के बयान के अनुसार, एमएसपी-आधारित खरीद और एफसीआई की परिचालन क्षमताओं में निवेश के लिए सरकार की दोहरी प्रतिबद्धता किसानों को सशक्त बनाने, कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक सहयोगात्मक प्रयास का प्रतीक है।