पटना(ए)। Bihar Politics: बिहार में महीनों से जारी सियासी घमासान अपने चरम पर पहुंच गया है. नीतीश रिकॉर्ड नौवीं दफा सीएम बनने के बाद अग्निपरीक्षा से गुजरेंगे. 12 फरवरी को बिहार की नई सरकार का फ्लोर टेस्ट होगा.
इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और पूर्व उप मुख्य मंत्री तेजस्वी यादव के आवास पर कुछ विधायक बैग के साथ भी देख गए. तेजस्वी ने तो ये भी कहा है कि खेल शुरू है. खत्म हम करेंगे.
बिहार में नई सरकार
बिहार में नई सरकार बन गई है! इसमें नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) (एचएएमएस) साथ हैं.
पहले नीतीश कुमार महागठबंधन में थे. लेकिन 28 जनवरी को वो उसे छोड़कर रिकॉर्ड नौवीं बार मुख्यमंत्री बने – इस बार बीजेपी के साथ.
नीतीश कुमार का लिटमस टेस्ट
अब नीतीश कुमार की नई सरकार को विश्वास मत जीतना होगा, ये दिखाने के लिए कि उनके पास विधानसभा में ज्यादातर विधायकों का समर्थन है. लेकिन नीतीश कुमार के जीतने के कितने चांस हैं?
पिछले महीने बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में कम से कम 122 विधायकों का समर्थन चाहिए.
राजग गठबंधन में कुल 128 विधायक
अबतक के हिसाब से राजग गठबंधन में कुल 128 विधायक हैं. इनमें जदयू, बीजेपी और एचएएमएस के विधायक शामिल हैं. इनमें से एक निर्दलीय विधायक भी है.
128 विधायकों के समर्थन के साथ नीतीश कुमार की सरकार आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लेती है. अगर ये सभी विधायक नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन देना जारी रखें, तो मुख्यमंत्री आसानी से विश्वास मत जीत लेंगे.
महागठबंधन के पक्ष में कुल 114 विधायक
वहीं, विपक्ष महागठबंधन के पक्ष में कुल 114 विधायक हैं – बहुमत के आंकड़े 122 से आठ कम. महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, सीपीआई (एमएल), सीपीआई (एम) और सीपीआई के विधायक शामिल हैं.
राजग द्वारा किसी भी विधायक को अपने पाले में मिलाने की कोशिश को नाकाम करने के लिए, राजद विधायक शनिवार रात से ही पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आवास पर डेरा डाले हुए हैं.
पुलिस-प्रशासन तेजस्वी के आवास पर पहुंचा
कहा ये भी जा रहा है कि तेजस्वी जादव ने जबरदस्ती विधायकों को होम अरेस्ट किया हुआ है. इसकी शिकायत के चलते भारी संख्या में पुलिस-प्रशासन तेजस्वी के आवास के पास एकजुट हो चुका है. आरजेडी के एमएलए शनिवार से ही तेजस्वी के आवास में हैं. आरजेदी का कहना है कि विधायक बस बिहार और देश की राजनीति पर चर्चा करने के लिए एकजुट हुए हैं.
क्या कहते हैं आंकड़े-
नीतीश के पाले में | तेजस्वी के पास आंकड़े |
जेडीयू- 45 | आरजेडी- 79 |
बीजेपी- 78 | कांग्रेस – 19 |
हम- 4 | लेफ्ट- 16 |
निर्दलीय- 1 | – |
कुल- 128 | कुल- 114 |
बैठक में 2-3 विधायक अनुपस्थित रहे
जेडीयू ने रविवार को भरोसा जताया कि बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार सोमवार को विश्वास मत हासिल कर लेंगे। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जेडीयू विधायक दल की बैठक में दो या तीन विधायकों की अनुपस्थिति को अधिक तवज्जों नहीं दी और इसके लिए अपरिहार्य परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराया, जिनके बारे में उन्होंने (विधायकों) पूर्व सूचना दी थी। चौधरी ने इस बात पर जोर दिया कि बहुमत परीक्षण के दौरान पार्टी के सभी विधायक विधानसभा में मौजूद रहेंगे। चौधरी ने कहा, “एनडीए में हमारे पास कुल 128 विधायक हैं। 243 सदस्यीय विधानसभा में हम बहुमत की स्थिति में हैं। हमारे सभी विधायक सदन के अंदर मौजूद रहेंगे, जहां विश्वास मत से पहले विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आएगा।”
कौन-कौन से विधायक बैठक में नहीं दिखे
जेडीयू के सूत्रों ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि जिन तीन विधायकों को बैठक में नहीं देखा गया, उनमें सुदर्शन कुमार सिंह, बीमा भारती और दिलीप रॉय शामिल हैं। जदयू के कुल मिलाकर 45 विधायक हैं। चौधरी ने कहा, “कल की कार्यवाही के लिए तैयार किए गए कार्यक्रम के अनुसार, सदन सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करेगा। नियमों के तहत आवश्यक होने पर 38 विधायक प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए अपनी सीटों पर खड़े होंगे, जिसके बाद अध्यक्ष को, नया अध्यक्ष चुने जाने तक कार्यवाही का संचालन उपाध्यक्ष को सौंपना होगा।” विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी जेडीयू से हैं, जबकि अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी आरजेडी से हैं।