नईदिल्ली(ए)। केंद्र सरकार ने अब हर साल 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस मनाने की औपचारिक घोषणा कर दी है। यह बदलाव 23 मार्च 2025 की राजपत्र अधिसूचना (गजट नोटिफिकेशन) के जरिए किया गया है। अब तक आयुर्वेद दिवस धनतेरस के दिन मनाया जाता था, जो हिंदू पंचांग के अनुसार आता है और हर साल अलग तारीख को पड़ता है। इसकी वजह से इसे हर साल एक नियत तारीख पर मनाना मुश्किल हो रहा था।आयुष मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आयुर्वेद दिवस का मकसद आयुर्वेद को एक वैज्ञानिक, प्रमाण-आधारित और संपूर्ण चिकित्सा पद्धति के रूप में बढ़ावा देना है, जो रोगों की रोकथाम और स्वास्थ्य वर्धन में अहम भूमिका निभाता है।
मंत्रालय के अनुसार, अगले दस वर्षों में धनतेरस की तारीख 15 अक्तूबर से 12 नवंबर के बीच बदलती रहेगी, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे एकसाथ मनाना मुश्किल हो जाता। इसी वजह मंत्रालय ने एक समिति बनाई, जिसने चार संभावित तारीखें सुझाईं।

इनमें से 23 सितंबर को सबसे उपयुक्त माना गया। इस दिन, दिन और रात लगभग बराबर होते हैं। मंत्रालय ने बताया कि यह खगोलीय घटना प्राकृतिक संतुलन का प्रतीक है, जो आयुर्वेद के मूल सिद्धांत ‘मन, शरीर और आत्मा के संतुलन’ से मेल खाती है।