देहरादून (ए)। UCC: उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता बिल पास हो गया है. विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड को घ्वनि मत से पास किया गया. इसके साथ ही उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया, जिसकी विधासनभा में समान नागरिक संहिता विधेयक पारित हुआ है. बिल पास होने के बाद अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. राज्यपाल की मुहर लगते ही यह बिल कानून बन जाएगा. हालांकि विपक्ष इस बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग कर रहा है.
भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में UCC लाने का वादा किया था. सीएम धामी ने कहा कि इतना लंबा कालखंड होने और बहुमत होने के बावजूद समानता लाने की बात क्यों नहीं हुई? मातृशक्ति को समान अधिकार क्यों नहीं दिया गया? वोटबैंक को देश से ऊपर क्यों रखा गया? क्यों समुदायों के बीच असमानता की खाई खोदी गई? उन्होंने कहा कि पीएम अक्सर कहते हैं कि यही समय और सही समय है. समान नागरिक संहिता सभी को बराबरी का अधिकार देगा. सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार प्राप्त कराएगा. विभिन्न वर्गों में माताओं, बहनों और बेटियों के साथ जो भेदभाव होते थे, अन्याय होता था, उनको समाप्त करने में सहायक सिद्ध होगा.
मातृ शक्ति को संपूर्ण न्याय
उन्होंने कहा कि आधी आबादी को बराबरी का दर्जा दिया जाए. हमारी मातृ शक्ति को संपूर्ण न्याय देने का समय आ गया है. जो काम आज विधानसभा कर रही है. इस कानून में जिन-जिन का अंश मात्र भागी बने हैं. उन्हें पुण्य का भागी बनना है. इससे बहुत सारे लोगों के जीवन में परिवर्तन आने वाला है.
‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद’
विधानसभा में बिल पास होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज का ये दिन उत्तराखंड के लिए बहुत विशेष दिन है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद करना चाहता हूं कि उनकी प्रेरणा से और उनके मार्गदर्शन में हमें ये विधेयक उत्तराखंड की विधानसभा में पारित करने का मौका मिला.