रायपुर। पुलिस कर्मचारियों की कार्य की प्रवृत्ति एवं कार्य के दबाव को दृष्टिगत रखते हुए मैदानी क्षेत्रों में पदस्थ आरक्षक से निरीक्षक स्तर के पदस्थ पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक दिवस का साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा।
पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ़ से जारी परिपत्र के अनुसार थाना एवं जिले में तैनात छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस बल की कंपनियों में तैनात पुलिस कर्मियों के लिए साप्ताहिक अवकाश देने की प्रक्रिया तय कर दी गई है।
थाने में पदस्थ कर्मियों के लिए एक दिवसीय साप्ताहिक अवकाश प्रारंभिक तौर पर आरक्षक से निरीक्षक स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों को देय होगा। नक्सल प्रभावित एवं दुर्गम क्षेत्र में पदस्थ जिला पुलिस बल के अधिकारियों/कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश के स्थान पर 3 माह में एक बार 8 दिवस का अवकाश दिया जायेगा।
थाने में पदस्थ कर्मियों को रात्रि ड्यूटी करने के पश्चात् पूरे 24 घंटे का अवकाश सप्ताह में एक बार दिया जायेगा। यानि कोई पुलिसकर्मी यदि रात्रि ड्यूटी करने के पश्चात् जाता है, तो उसे उस दिन एवं अगले दिन की प्रातः गणना तक उपस्थिति से छूट मिलेगी। यह साप्ताहिक अवकाश रात्रि ड्यूटी के पश्चात् प्रारंभ होकर अगले दिन प्रातः गणना/रोलकॉल तक के लिए रहेगा।
प्रत्येक पुलिस अधीक्षक अपने-अपने जिले में थाना एवं चौकियों में पदस्थ कर्मियों का इस प्रकार से रोस्टर तैयार करेंगे, जिससे प्रत्येक पुलिसकर्मी को यह ज्ञात रहे कि उसे कौन से दिन का साप्ताहिक अवकाश रहेगा। यानि कि मंगलवार को अवकाश दिया जाता है, तो उसे अगले प्रत्येक मंगलवार को ही साप्ताहिक अवकाश दिया जायेगा।
यदि किसी कारणवश जैसे व्ही. व्ही.आई.पी. भ्रमण एवं कानून व्यवस्था की संगीन स्थिति के फलस्वरूप प्रत्येक कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं दिया जाता है, तो एक दिन की अधिकतम सीमा तक जमा होगी और सुनिश्चित किया जायेगा कि उसे उसी माह में यथासंभव यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाये। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विषम सुरक्षात्मक कारणों से यह अवकाश निरस्त किया जा सकेगा। उपरोक्त परिस्थतियों में इकाई प्रमुख का निर्णय अंतिम होगा।
अवकाश निरस्त करने की अनुमति संबंधित पुलिस अधीक्षक द्वारा ही दी जायेगी एवं उसकी जानकारी संबंधित पुलिस उप महानिरीक्षक/पुलिस महानिरीक्षक रेंज को दी जायेगी।
छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस बल की जिलों में पदस्थ कंपनियों के कर्मियों के लिए यह एक दिवसीय साप्ताहिक अवकाश आरक्षक से निरीक्षक, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (कंपनी कमांडर) स्तर के अधिकारियों को देय होगा। नक्सल प्रभावित एवं दुर्गम क्षेत्र में पदस्थ छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस बल के अधिकारियों/कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश के स्थान पर 3 माह में एक बार 8 दिवस का अवकाश दिया जायेगा। यह साप्ताहिक अवकाश रात्रि ड्यूटी के बाद से अगले दिन सुबह प्रातः गणना रोलकॉल तक रहेगा।
प्रत्येक कंपनी में इस प्रकार का रोस्टर बनाया जाये, ताकि प्रत्येक कंपनी के प्रत्येक जवान को एक नियत दिनांक को साप्ताहिक अवकाश मिल जाये, यानि कि मंगलवार को अवकाश दिया जाता है, तो उसे अगले प्रत्येक मंगलवार को ही साप्ताहिक अवकाश दिया जायेगा।
यदि किसी कारणवश जैसे व्ही.व्ही.आई.पी. भ्रमण एवं कानून व्यवस्था की संगीन स्थिति के फलस्वरूप प्रत्येक कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश नही दिया जाता है, तो 01 दिन की अधिकतम सीमा तक जमा होगी और सुनिश्चित किया जायेगा कि उसे उसी माह में यथासंभव यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाये। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विषम सुरक्षात्मक कारणों से यह अवकाश निरस्त किया जा सकेगा। उपरोक्त परिस्थतियों में इकाई प्रमुख का निर्णय अंतिम होगा।
विषम परिस्थतियों में पुलिस अधीक्षक/सेनानी द्वारा ही अवकाश निरस्त किया जायेगा। इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक/सेनानी एवं रेंज पुलिस उप महानिरीक्षक को दिया जायेगा।
परिपत्र में उल्लेख है कि अवकाश की गणना वर्तमान में प्रचलित प्रथा के अनुसार अपरान्ह में 12.05 पर रवानगी व पूर्वान्ह में 11.55 की वापसी प्रथा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगायी जाए एवं सामान्य अवकाश में रवानगी संध्या रोलकॉल के बाद दी जाये व प्रातः गणना/रोलकॉल के समय आमद करायी जाये।
साप्ताहिक अवकाश के साथ अन्य अवकाशों का लाभ भी देय होगा परन्तु साप्ताहिक अवकाश पर रवानगी रात्रि ड्यूटी करने के बाद दी जायेगी एवं अन्य अवकाश की गणना अगले दिन से की जायेगी। साप्ताहिक अवकाश की सुविधा किसी अन्य अवकाश के साथ जोड़ी नहीं जायेगी एवं साप्ताहिक अवकाश को आगे नहीं बढ़ाया (Carry forward) जा सकेगा, एवं इसका नगदीकरण (Encashment) नहीं किया जावेगा।
उपरोक्त आदेश उन पुलिसकर्मियों पर लागू नहीं होंगे जो पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक/पुलिस अधीक्षक एवं छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय में पदस्थ है। इसी प्रकार यह अवकाश पुलिस मुख्यालय/छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल मुख्यालय/रेडियो मुख्यालय/ट्रेनिंग स्कूल एवं अकादमी में पदस्थ पुलिसकर्मियों पर लागू नहीं होंगे।