कलबुर्गी (ए)। कर्नाटक में तीन उपमुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने की चर्चा सियासी गलियारों में तेज है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का भी इस संबंध में बयान सामने आया है। उन्होंने मंत्रियों से अपने कामकाज पर ध्यान देने के लिए कहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को कहा कि जब चुनाव नजदीक हों तो ऐसी मांगें नहीं होनी चाहिए। खरगे ने इस बात से इनकार करते हुए कि उन्हें अभी तक ऐसी कोई मांग प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं को लोगों की समस्याओं को दूर करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
राज्य में तीन उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की मांग के बारे में पूछे जाने पर खरगे ने कहा, “यह सवाल मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से पूछें।” कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह मामला अभी तक उनके पास नहीं आया है। ऐसी मांग करने वाले नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए खरगे ने कहा, “चुनाव के दौरान ऐसी अटकलें नहीं लगानी चाहिए। हमें सरकार के कामकाज, लोगों की समस्याओं और गारंटी के कार्यान्वयन पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि सिद्धरमैया और शिवकुमार इन लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब तक हम अपने लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते, हमें ऐसी चीजों की चर्चा से परहेज करना चाहिए।”
कर्नाटक के सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने राज्य में तीन उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की मांग करते हुए हाल में कहा था कि इससे कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में अधिकतम सीटें जीतने में मदद मिलेगी। उन्होंने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान का उदाहरण दिया जहां एक से अधिक उपमुख्यमंत्री हैं। कर्नाटक के सहकारी मंत्री के राजन्ना की ओर से राज्य में तीन उप मुख्यमंत्री के लिए वकालत किए जाने के बीच उप मुख्यमंत्री डी.के.शिवकुमार ने कहा था कि इस बारे में पार्टी आलाकमान को निर्णय करना है।
राजन्ना इस बात पर बल देते रहे हैं कि कर्नाटक में एक के बजाय तीन उप मुख्यमंत्री होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मांग को करने के लिए उन्हें किसी ने सलाह नहीं दी है। उनका कहना है कि उन्होंने इस बात को ध्यान में रखते हुए यह बात कही कि तीन उप मुख्यमंत्री होने से लोकसभा चुनाव में मदद मिलेगी। ऐसा नहीं है कि मेरे बयान देते ही ऐसा हो जाए। मैंने पार्टी आलाकमान से मात्र अनुरोध किया है और उनके संज्ञान में इसे लाया हूं। उन्हें ही अंतिम निर्णय करना है। (भाषा)