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जब विधायक रिकेश सेन हाथ में उस्तरा थाम ग्राहक की खुद बनाने लगे दाढ़ी

by admin

जब विधायकजी हाथ में उस्तरा थाम ग्राहक की खुद बनाने लगे दाढ़ी, आर्थिक तंगी के चलते रायपुर में सेन समाज के तीन लोगों द्वारा खुदकुशी की घटना से व्यथित विधायक रिकेश सेन ने दिया ऐसा संदेश कि लोग बोल उठे “वाह भाई वाह”
16 जनवरी को दीनदयाल आडिटोरियम में विधायक खुद लगवा रहे विशाल रोजगार मेला, कहा- शासन की योजनाओं का बेरोजगारों को मिलेगा लाभ और रोजगार
भिलाई नगर, 7 जनवरी। वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने उस्तरा उठाकर एक कस्टमर की दाढ़ी बनाई। लोग यह देखकर हैरान हो गए। कहने लगे, एक विधायक क्यों दाढ़ी बना रहे हैं? क्या रिकेश पहले भी दाढ़ी बनाते रहे हैं? उनके घर का यह काम पुश्तैनी है…? इन तमाम सवालों के जवाब देते हुए विधायक रिकेश सेन ने कहा कि हमें अपना पुराना काम नहीं भूलना चाहिए। लोग लोक-लाज में आकर अपनी जाति, धर्म छिपाने में लगे हुए हैं। कई ऐसे लोगों को मैं जानता हूं जो श्रीवास होने के बावजूद श्रीवास्तव लिखने लगे हैं क्योंकि हमारा सेन समाज माइक्रो ओबीसी है।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सेन सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष और वैशाली नगर विधायक ने राजधानी रायपुर के एक सैलून में पहुंच खुद ग्राहकों की सेविंग कर समाज के लोगों को यह संदेश दिया है कि कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता है। समाज में कुछ लोग धीरे धीरे अपनी जाति बताने में शर्मींदगी भी महसूस करते हुए चुपके से अपना सरनेम तक बदल लेते हैं। श्री सेन ने कहा कि ईश्वरीय शक्ति ने मानव मूल के जिस परिवार, जाति या धर्म में हमें जन्म दिया है उसे कभी भी बदलना नहीं चाहिए। उन्होंने आर्थिक तंगी या लालच में धर्म बदलने वालों को भी एक सबक देने का ऐसा प्रयास किया है।
विधायक रिकेश सेन ने बताया कि वो रायपुर की एक दुकान आए हुए हैं और दुकान में खुद ग्राहक की सेविंग कर बताना चाहते हैं कि हमारे नाई समाज के लोग जब अच्छे पदों पर चले जाते हैं तो अपनी जाति को अपने समाज को छिपाने लगते हैं जो बड़ी ही चिंताजनक बात है। जैसे हमारे छत्तीसगढ़ में जो श्रीवास हैं वह जब बड़े पदों पर पहुंचे तो अपना सरनेम श्रीवास्तव लिखने लगे क्योंकि उनको लगता है कि मैं अपनी वास्तविक जाति बताऊंगा तो लोग हँसेंगे मुझ पर, मजाक उड़ाएंगे। अब मैं विधायक बन गया हूँ, विधायक कर्पूरी ठाकुर हमारे नाई समाज के प्रथम मुख्यमंत्री थे और लगभग साठ वर्ष बाद नाई समाज से मैं दूसरा विधायक बना हूं। जननायक कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री थे उनसे सीखना चाहिए, उन्होंने कभी अपनी जाति को नहीं छिपाया। मैं यहां पर आया हूँ सैलून दुकान में, मुझे गर्व है कि मैं नाई जाति में पैदा हुआ हूं, मैं सेन समाज से हूँ, मैं तो बस इतना चाहता
हूं कि समाज के जो लोग अच्छे पदों पर हैं वो खुलकर सामने आएं। इससे उन्हें देख कहीं न कहीं समाज आगे बढ़ेगा। अभी सेन समाज के तीन लोगों ने रायपुर में आत्महत्या कर ली, जो सबके सामने है जिसमें पति पत्नी और 14 वर्ष की उनकी बेटी पायल ने भी फांसी लगा लिया। नाई समाज का सैलून का काम होता है, सैलून में सीधे तरीके से अगर देखा जाए तो फिफ्टी परसेंट कमाई होता है और चिंता का विषय अब इसलिए हो गया है कि हमारे लोग नाई का काम नहीं करना चाहते, सैलून का काम नहीं करना चाहते। क्यों नहीं करना चाहते हैं, उनको लगता है लोगों का चेहरा पोंछना पड़ता है, मालिश करनी होती है। लोग नाई जाति को संबोधित कर उसे गाली देते हैं। मगर लोग यह भूल गए हैं कि सैलून एक सबसे बड़ा उद्योग है और हमारे समाज को आजकल दूसरे समाज के लोग दूसरे राज्यों के लोग छत्तीसगढ़ में आकर छत्तीसगढ़ से जाकर दूसरी जगह पर जाकर इस व्यवसाय को कर रहे हैं, जो कहीं न कहीं समाज के लिए चिंता का विषय है।
विधायक रिकेश सेन ने बताया कि 16 जनवरी को रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में, जो साइंस कॉलेज के बाजू में हैं एक बहुत बड़ा सम्मेलन वो करने जा रहे हैं जिसमें रोजगार मेला के तहत दस से पंद्रह हजार रुपये तक का मासिक व्यवसाय जो चाहते हैं उनकी मदद की जाएगी। उनके लिए प्राइवेट नौकरी का भी इंतजाम करेंगे। जो महिला घर पर ब्यूटी पार्लर चलाती हैं, उनका रजिस्ट्रेशन विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत किया जायेगा तथा अन्य शासित योजनाओं के अंतर्गत उनको लाभ मिल सके ऐसा बड़ा प्रयास वो करने जा रहे हैं।
श्री सेन ने कहा कि सेन समाज के जो लोग जाति छिपा श्रीवास्तव बन गए या अन्य सरनेम रख कर खुद को बंगाली समाज से बताते हैं, वो जब शादी करने जाएंगे बेटे बेटी की और तब उन्हें बड़ी तकलीफ होगी इसलिए ऐसे लोगों से निवेदन है कि कोई भी अपनी जाति को न छिपाए और समाज को आगे बढ़ाने में योगदान दें। केन्द्र शासन की अनेक योजनाएं हमारे समाज को लेकर हैं तो विनती है कि जब मैं पच्चीस साल बाद अगर हाथ में उस्तरा पकड़ ऐसा विडियो वायरल कर रहा हूं, इसमें लोगों के नकारात्मक कमेंट्स भी आएंगे, जाति को लेकर लोगों में मेरा माखौल भी उड़ेगा लेकिन मकसद सिर्फ यही है कि मनुष्य योनि में जिस जाति या धर्म में हमने जन्म लिया उसे बताने में कभी शर्मींदगी न महसूस की जाए। वर्ण व्यवस्था के तहत जो हमारा कर्म है उसे ही पूजा समझ आगे बढ़ना ही जीवन है। विधानसभा में जब मैं शपथ लेने गया तो पहले संत शिरोमणिजी महाराज की जयकारे लगाया, उसके बाद ही मैंने शपथ ली। मैं जब अपनी जाति को नहीं छिपा रहा हूँ, विधायक बनने के बाद तो समाज के दूसरे लोग अपनी जाति को क्यों छिपाते हैं?
आज की युवा पीढ़ी को सेन समाज से होने के लिए यह बताने गुरेज हो रही है जबकि, अपने समाज को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। हमारे समाज का पुश्तैनी कार्य बाल, दाढ़ी बनाना है। यह क्षेत्र अपने आपमें बड़ा रोजगार का साधन है लेकिन लोग भटक जा रहे हैं। आज सेन समाज को भारतीय जनता पार्टी ने मौका दिया। मुझ जैसे एक आम कार्यकर्ता को टिकट देकर विधायक बनाया इसलिए मैं समाज के युवाओं व अन्य लोगों को संदेश देना चाहता हूं कि अपना मूल और पुश्तैनी काम को मत छोड़ें और समाज का नाम रौशन करें।

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