नई दिल्ली (ए)। सौर मिशन आदित्य-L1 के हेलो ऑर्बिट में प्रवेश करने पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा है कि यह हमारे लिए बहुत संतुष्टिदायक है क्योंकि यह एक लंबी यात्रा का अंत है। लिफ्ट-ऑफ से लेकर अब तक 126 दिन बाद यह अंतिम बिंदु पर पहुंच गया है। इसलिए अंतिम बिंदु तक पहुंचना हमेशा एक चिंताजनक क्षण होता है, लेकिन हम इसके बारे में बहुत आश्वस्त थे. तो जैसा अनुमान लगाया गया था वैसा ही हुआ।
बता दें भारत का अंतरिक्ष मिशन यान आदित्य एल-1 अंतरिक्ष में 126 दिन तक 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद शनिवार को सफलतापूर्वक अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंच गया, जिसके साथ ही बधाइयों को सिलसिला शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी घोषणा की। आदित्य-एल1 यान को दो सितंबर को प्रक्षेपित किया गया था और यह ‘लैग्रेंजियन पॉइंट 1′ पर पहुंच गया है, जहां से यह सूर्य की परिक्रमा करके उसका अध्ययन करेगा।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत का पहला सौर अनुसंधान उपग्रह आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंच गया। यह सबसे जटिल और कठिन अंतरिक्ष मिशनों में से एक को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ हूं। हम मानवता की भलाई के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को पार करते रहेंगे।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस उपलब्धि के लिए पूरे वैज्ञानिक समुदाय की सराहना की। मुर्मू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इसरो ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1′ को सफलतापूर्वक गंतव्य कक्षा में स्थापित किया गया है।” उन्होंने कहा, ‘‘इस शानदार उपलब्धि के लिए पूरे भारतीय वैज्ञानिक समुदाय को बधाई। यह मिशन सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाएगा और पूरी मानवता को लाभान्वित करेगा।”