नईदिल्ली (ए)। तीन आपराधिक कानून सुधार विधेयक संसद से पारित हो गया है. राज्यसभा में तीनों क्रिमिनल लॉ बिल भारतीय न्याय संहिता, भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल गुरुवार को पास हो गए. बुधवार को ये तीनों बिल लोकसभा से पास हो चुके हैं. राज्यसभा ने चर्चा और गृहमंत्री अमित शाह के जवाब के बाद तीनों विधेयकों को ध्वनमित से अपनी स्वीकृति दी. भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC),1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह तीन आपराधिक विधेयक- भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023 को राज्यसभा से पारित किया गया.
तारीख पर तारीख का जमाना नहीं रहेगा
बिलों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो लोग सदन के बाहर पूछते हैं कि इस कानून से क्या होगा? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इसके लागू होने के बाद तारीख पर तारीख का जमाना नहीं रहेगा. किसी भी मामले में 3 साल में न्याय दिलाने का उद्देश्य है. गृह मंत्री शाह ने कहा कि इन विधेयकों का उद्देश्य पूर्ववर्ती कानूनों की तरह दंड देने का नहीं बल्कि न्याय मुहैया कराने का है. उन्होंने कहा कि इस कानून को ध्यान से पढ़े तो इममें भारतीय दर्शन को स्थान दिया गया है.
‘कांग्रेस कभी राजद्रोह को समाप्त नहीं करना चाहती थी’
गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना पर साधाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी जब-जब सत्ता में आती थी, राजद्रोह का बड़े मजे से उपयोग करती थी और जब सत्ता से बाहर जाती थी तो कहती है कि राजद्रोह गैरजरुरी कानून है इसे सामाप्त कर देना चाहिए. कांग्रेस कभी राजद्रोह को समाप्त नहीं करना चाहती थी. लेकिन मोदी सरकार इसे हमेशा के लिए समाप्त कर रही है. इस कानून को अंग्रेजों ने बनाया, जिसके चलते गांधी, पटेल समते कई स्वतंत्रता सेननी 6-6 साल के लिए जेल गए.
‘लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता’
अमित शाह ने कहा कि हमने राजद्रोह की जगह उसे देशद्रोह कर दिया है, क्योंकि अब देश आजाद हो चुका है, लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता है. हालांकि शान ने कहा कि अगर कोई देश की सुरक्षा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. कोई सशस्त्र विरोध करता है, बम धमाके करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी फिर उसे आजाद रहने का हक नहीं है, उसे जेल जाना ही पड़ेगा. कुछ इसे अच्छी तरह समझ लीजिए. देश का विरोध करने वाले को जेल जाना होगा.