नईदिल्ली (ए)। लोकसभा ने बुधवार को तीन विधेयकों को ध्वनि मत से पारित कर दिया जिन्हें औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों की जगह लाने के लिए पेश किया गया था। तीनों विधेयक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले सप्ताह पेश किए थे। इनके नाम भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक हैं। इसके अलावा टेलीकम्युनिकेशन बिल भी ध्वनि मत से पारित किया गया।
भारतीय न्याय संहिता (द्वितीय) विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अब किसी मामले में आरोपी को बरी होने के लिए याचिका दाखिल करने के लिए सात दिन का समय मिलेगा। जज को सात दिन के अंदर सुनवाई करनी होगी और अधिकतम 120 दिनों में मामले का ट्रायल होगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक इसके लिए कोई समय सीमा नहीं थी। अब अगर कोई आरोपी अपराध होने के 30 दिन के अंदर अपना अपराध स्वीकार कर लेता है तो सजा कम हो सकती है। अभी तक ट्रायल के दौरान दस्तावेज पेश करने का कोई प्रावधान नहीं था। हमने 30 दिन के अंदर सभी दस्तावेज पेश करना अनिवार्य कर दिया है।
शाह ने कहा कि ट्रायल के दौरान गैरहाजिरी के लिए एक प्रावधान लाया गया है। मुंबई बम ब्लास्ट जैसे कई मामलों ने देश को हिला कर रख दिया था। इनको अंजाम देने वाले लोग दूसरे देशों में छिपे हैं और इस वजह से ट्रायल नहीं हो पाते हैं। अब उन्हें यहां आने की जरूरत नहीं होगी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि अगर आरोपी 90 दिन के अंदर अदालत के सामने नहीं आते हैं तो उनकी अनुपस्थिति में भी ट्रायल चलता रहेगा। उनके अभियोजन के लिए एक सरकारी वकील की नियुक्ति की जाएगी। इससे उनको वापस लाने की प्रक्रिया और तेज होगी क्योंकि उन पर मुकदमा चलने पर दूसरे देश में उनकी स्थिति बदल जाएगी।
‘मोदी सरकार जो कहती है वो करती है’
इसके साथ ही शाह ने कहा कि हमने कहा था कि हम जल्द से जल्द अयोध्या में राम मंदिर बनाएंगे। 22 जनवरी 2024 को वहां रामलला विराजमान हो जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार जो कहती है वो करती है। हमने कहा था कि हम संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देंगे और हमने अपना यह वादा पूरा किया है।