नईदिल्ली (ए)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 10 दिवसीय विपश्यना ध्यान शिविर के लिए रवाना हो गए हैं। इसका मतलब वह कल 21 दिसंबर को कथित शराब नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पूछताछ के लिए पेश नहीं होंगे। बता दें कि इससे पहले सीएम केजरीवाल को पूछताछ के लिए 2 नवंबर को भी बुलाया गया था। वो उस दौरान भी ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। उस दौरान वह मध्यप्रदेश के चुनाव में प्रचार के लिए गए थे।ऐसी भी चर्चाएं हैं कि सीएम केजरीवाल को पूछताछ के बाद ही गिरफ्तार किया जा सकता है। हालांकि, सीएम केजरीवाल ने ईडी के इस समन को गैर-कानूनी और राजनीति से प्रेरित बताया है। बता दें कि गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट का सामना करने से पहले केजरीवाल केवल तीन बार सम्मन छोड़ सकते हैं। अगर वो तीन बार के बाद भी समन पर नहीं पहुंचे तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
अप्रैल में केजरीवाल से केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एक गवाह के रूप में नौ घंटे तक पूछताछ की, जिसके बाद उन्होंने एजेंसी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने मुझसे 56 सवाल पूछे (लेकिन) सब कुछ फर्जी है। आम आदमी पार्टी के मुताबिक सीएम केजरीवाल का विपश्यना शिविर में जाने का कार्यक्रम पहले से तय था, इस कारण वह प्रवर्तन निदेशालय के समन पर उपलब्ध नहीं हो पाएंगे। दरअसल, विपश्यना एक प्राचीन भारतीय ध्यान पद्धति है जिसका अभ्यास करने वाले लोग कुछ समय के लिए देश-दुनिया से कट जाते हैं और एकांतवास में रहते हैं। इसे आप एक तरह का योगाभ्यास भी कह सकते हैं, जिसमें आप किसी से संवाद या संकेतों के माध्यम से भी बात नहीं कर सकते।