नईदिल्ली (ए)। वैश्विक कूटनीति में भारी अनिश्चितता के बीच भारत और ब्रिटेन अपने द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। एक तरफ दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर सहमति तकरीबन बन चुकी है, दूसरी तरफ सोमवार को भारत और ब्रिटेन के बीच रणनीतिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए स्थापित टू प्लस टू वार्ता संपन्न हुई।
इसमें दोनों तरफ से विदेश और रक्षा मंत्रालयों के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक को इस महीने के अंत में दोनों देशों के रक्षा व विदेश मंत्रियों की अगुआई में होने वाली टू प्लस टू वार्ता की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है।
मुक्त व्यापार समझौते की होगी घोषणा
इस महीने के अंत में ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के भारत आने की संभावना है। माना जा रहा है कि नई दिल्ली में सुनक और पीएम नरेन्द्र मोदी दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की घोषणा करेंगे। सोमवार को हुई टू प्लस टू वार्ता के दौरान व्यापार और निवेश, रक्षा, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, नागरिक उड्डयन, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र पर भी चर्चा की और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने पर बातचीत हुई।
क्या है टू प्लस टू वार्ता?
भारत टू प्लस टू वार्ता के ढांचे में बहुत ही सीमित देशों के साथ विमर्श करता है। इसमें अमेरिका, जापान, रूस और आस्ट्रेलिया शामिल हैं। पिछले वर्ष ही मोदी और सुनक के बीच हुई पहली मुलाकात में यह फैसला किया गया था कि रणनीतिक हितों के मामले में बेहतर सामंजस्य बनाने के लिए रक्षा व विदेश मंत्रियों की अगुआई में बातचीत होनी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि सोमवार की बैठक में वर्ष 2030 के लिए द्विपक्षीय संबंधों को लेकर निर्धारित लक्ष्यों और संबंधों के विविध आयामों को लेकर चर्चा हुई है।
रोडमैप-2030 की हुई थी घोषणा
मई, 2021 में भारत और ब्रिटेन ने आपसी रिश्तों के दीर्घकालिक लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए रोडमैप-2030 की घोषणा की थी। इसमें कारोबारी रिश्तों से लेकर सैन्य संबंधों, तकनीक व विज्ञान क्षेत्र में, निवेश क्षेत्र को लेकर महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए गए हैं।
खासतौर पर सैन्य व कूटनीतिक क्षेत्र में आपसी संबंधों को किस तरह से आगे ले जाएं, टू प्लस टू इस पर काम करेगा। सनद रहे कि पिछले पांच वर्षों से भारत और ब्रिटेन की सरकारों की तरफ से आपसी रिश्तों पर बहुत ज्यादा फोकस किया जा रहा है। मौजूदा ब्रिटिश पीएम सुनक से पहले पूर्व पीएम बोरिस जानसन के साथ पीएम मोदी के बहुत ही अच्छे संबंध थे जिसका असर द्विपक्षीय रिश्तों पर भी दिख रहा था।
मुक्त व्यापार समझौते पर बनेगी सहमति
पिछले दिनों खालिस्तान समर्थकों और ब्रिटेन में छिपे आर्थिक भगोड़ों के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर कभी-कभी दोनों के रिश्तों में कुछ तनाव आया लेकिन फिलहाल इन दोनों मुद्दों पर ब्रिटिश सरकार का रुख सकारात्मक है। यही वजह है कि मुक्त व्यापार समझौते के मुद्दे पर भी कई अड़चनों के बावजूद अब सहमति बनती दिख रही है।