नईदिल्ली (ए)। इजरायल और हमास के बीच जंग के 10वें दिन भी एयरस्ट्राइक, बमबारी, रॉकेट और सायरन की आवाजें गूंजती रहीं. इस युद्ध में अब तक 4,200 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं और दोनों पक्षों की तरफ से दी जा रहीं धमकियों से यह तय है कि हमले और मौत के आंकड़े और बढ़ेंगे. इस बीच गाजा में लाखों लोगों के सामने भोजन-पानी, दवाई और बिजली जैसी बुनियादी जरूरतों का संकट और गहरा गया है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रात के करीब 9 बजे हमास ने दावा किया कि उसने इजरायल में तेल अवीव और यरूशलम पर मिसाइलों की बौछार की. ये हमले हमास की अल कासिम ब्रिगेड ने किए. एक बयान में उसने कहा कि हमले नागरिकों को निशाना बनाने के जवाब में थे. इस बीच तेल अवीव और यरूशलम में मौजूद पत्रकारों ने कहा कि सायरन की आवाजें लगातार सुनी गईं.
कितने लोगों की गई जान?
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जंग के बीच इजरायल में करीब 1,400 लोगों की मौत हुई है और 3,500 लोग जख्मी हुए हैं. वहीं, गाजा में 2,800 लोगों की जानें गई हैं और करीब 11 हजार लोग जख्मी हुए हैं. फलस्तीनी अधिकारियों ने बताया कि इजारयली हमलों में 1000 से ज्यादा लोग मलबे में दबे हुए हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली एयरफोर्स ने कहा है कि हवाई हमले में हमास के जनरल इंटेलिजेंस प्रमुख की मौत हो गई है.
एंटनी ब्लिंकन का दौरा
इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजरायल के दौरे पर हैं. एक हफ्ते के भीतर उनका इजरायल का यह दूसरा दौरा है. खबर यह भी है कि जल्द ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इजरायल का दौरा करेंगे.
ब्लिंकन ने तेल अवीव में अधिकारियों से मुलाकात के दौरान आम नागरिकों को मानवीय सहायता प्रदान करने के संयुक्त राष्ट्र और अन्य के प्रयासों पर चर्चा की, साथ ही हमास की तरफ से बंधक बनाए गए करीब 200 लोगों को छुड़ाने के प्रयासों में मदद करने की बात कही. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि गाजा पर इजरायल का कब्जा एक बड़ी गलती होगी. उन्होंने कहा कि हमास और उससे जुड़े संगठन सभी फलस्तीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.
व्लादिमीर पुतिन ने कई देशों से साधा संपर्क
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के संभावित इजरायल दौरे से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इजरायल, ईरान, मिस्र, सीरिया और फलस्तीन के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बात की. क्रेमलिन ने बताया कि पुतिन ने कहा, ”नागरिकों के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा अस्वीकार्य है.” मॉस्को ने तत्काल संघर्ष विराम की बात कही है.
हिजबुल्लाह का हमला
लेबनान के चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह का कहना है कि उसके लड़ाकों ने देश के दक्षिण में सीमा पर पांच इजरायली चौकियों को निशाना बनाया है. हिजबुल्लाह सीमा पर इजरायली चौकियों पर लगे निगरानी कैमरों को नष्ट कर रहा है. वहीं, इजरायल ने भी चरमपंथी संगठन पर जवाबी कार्रवाई की है.
बेंजामिन नेतन्याहू की चेतावनी
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हिजबुल्लाह और उसके अन्य समर्थकों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे युद्ध में शामिल हुए तो उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. बता दें कि हिजबुल्लाह ने हमास का समर्थन किया है.
हमास ने क्या कहा?
न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, लेबनान में हमास के प्रतिनिधि अहमद अब्दुल-हादी ने सोमवार (16 अक्टूबर) को जोर देकर कहा कि दक्षिणी इजरायल में 7 अक्टूबर को हमला करने का फैसला नेतृत्व की तरफ से लिया गया था, इसमें ईरान या किसी अन्य बाहरी का हाथ नहीं था, लेकिन गाजा पर जमीनी हमले होते हैं तो ये सहयोगी समूह हस्तक्षेप करेंगे.
ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगर इजरायल गाजा पट्टी पर हवाई हमले का अपना अभियान बंद कर देता है तो हमास संभावित रूप से अपने पास मौजूद लगभग 200 बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है. बता दें कि चरमपंथी संगठन ने ऐसी कोई पेशकश करने की बात स्वीकार नहीं की है.
खाने का संकट
न्यूज़ एजेंसी एपी के मुताबिक, गाजा पर इजरायल की नाकेबंदी और हमले की वजह से लोगों के सामने खाने-पीने की किल्लत हो गई है. सामानों से भरे ट्रक रफा सीमा पर खड़े हैं और अंदर नहीं जा पा रहे हैं.