नई दिल्ली (ए)। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगा अपने पश्चिमी सहयोगियों को असहज स्थिति में खड़ा कर दिया है। एक तरफ जहां, अमेरिका, यूरोप और ब्रिटेन की तरफ से भारत के साथ संबंधों को नए स्तर पर पहुंचाने के प्रयास हो रहे हैं, वहीं कनाडा ने भारत के साथ अपने संबंधों को अब तक की सबसे खराब स्थिति में पहुंचा दिया है।ओटावा स्थित कार्लेटन यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय संबंधों की प्रोफेसर स्टेफनी कार्विन कहती हैं, पूरे यूरोप और अमेरिका के हिसाब से वैश्विक व्यवस्था में दैत्याकार चीन की शक्ति के संतुलन के भारत अपरिहार्य है। कनाडा का कोई महत्व नहीं है। यही वजह है कि कनाडा की तरफ से भारत के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने के बाद भी अमेरिका और यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया बहुत सधी हुई रही है और किसी ने भी सिर्फ कनाडा के आरोपों पर भारत की आलोचना में जल्दबाजी नहीं दिखाई है। कनाडा भारत के विरुद्ध सुबूत भी नहीं दे पा रहा है और अफसरों ने चुप्पी साध ली है।ब्रिटेन कूटनीतिक दुविधा में…
लंदन के मशहूर थिंक टैंक चैथम हाउस के विशेषज्ञ क्षितिज बाजपेयी कहते हैं, ब्रिटेन फिलहाल सबसे गहरी कूटनीतिक दुविधा में है। एक तरफ जहां कनाडा का साथ देने के लिए ब्रिटेन प्रतिबद्ध है, तो भारत के साथ संबंध खराब नहीं करने के लिए मजबूर। यही वजह है कि ब्रिटिश सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी नहीं कहा गया है। कनाडा के गठबंधन देश इस मसले पर भारत से चर्चा को राजी नहीं हैं।
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के सांसद चंद्र आर्य ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत पन्नू की तरफ से हिंदुओं को कनाडा छोड़ने की धमकी पर आर्य ने सरकार से पूछा है कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर आतंकवाद का महिमामंडन या किसी धार्मिक समूह को निशाना बनाकर किए जाने वाले घृणित अपराध को अनुमति क्यों दी जा रही है।