Home देश-दुनिया मोदी सरकार अड़ियल है, मणिपुर पर बहस नहीं चाहती: कांग्रेस

मोदी सरकार अड़ियल है, मणिपुर पर बहस नहीं चाहती: कांग्रेस

by admin

नई दिल्ली (ए)। कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि केंद्र मणिपुर मुद्दे पर बहस नहीं चाहता है। वह इस बात पर भी अड़ी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर राज्यसभा में नहीं बोलेंगे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, “राज्यसभा में आज ‘इंडिया’ गठबंधन के तीन सांसदों – द्रमुक के तिरुचि शिवा, माकपा के एलामाराम करीम और भाकपा के बिनॉय विश्वम – ने मणिपुर पर नियम 167 के तहत अर्थपूर्ण चर्चा के लिए राज्‍य सभा में एक प्रस्ताव पेश किया।” “सभापति गतिरोध को तोड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ‘इंडिया’ गठबंधन के दलों ने जरूरत पड़ने पर पारस्परिक रूप से स्वीकार्य मसौदे पर पहुंचने के लिए भाजपा द्वारा प्रतिनियुक्त लोगों के साथ बैठने की भी पेशकश की है। लेकिन मोदी सरकार जिद्दी है – यह ‘मेरी बात माननी है तो मानो नहीं तो चलते बनो’ वाली बात है। स्पष्ट रूप से, वह बहस नहीं चाहती है। निश्चित रूप से सरकार इस बात अड़ी है कि प्रधानमंत्री राज्यसभा में मणिपुर पर नहीं बोलेंगे।” रमेश की यह टिप्पणी मणिपुर में हिंसा पर चर्चा की विपक्ष की मांग पर राज्यसभा में हंगामे के बाद आई।
विपक्ष इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री मोदी से विस्तृत बयान के साथ-साथ पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर चर्चा की मांग कर रहा है।

नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि केंद्र मणिपुर मुद्दे पर बहस नहीं चाहता है। वह इस बात पर भी अड़ी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर राज्यसभा में नहीं बोलेंगे।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, “राज्यसभा में आज ‘इंडिया’ गठबंधन के तीन सांसदों – द्रमुक के तिरुचि शिवा, माकपा के एलामाराम करीम और भाकपा के बिनॉय विश्वम – ने मणिपुर पर नियम 167 के तहत अर्थपूर्ण चर्चा के लिए राज्‍य सभा में एक प्रस्ताव पेश किया।” “सभापति गतिरोध को तोड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ‘इंडिया’ गठबंधन के दलों ने जरूरत पड़ने पर पारस्परिक रूप से स्वीकार्य मसौदे पर पहुंचने के लिए भाजपा द्वारा प्रतिनियुक्त लोगों के साथ बैठने की भी पेशकश की है। लेकिन मोदी सरकार जिद्दी है – यह ‘मेरी बात माननी है तो मानो नहीं तो चलते बनो’ वाली बात है। स्पष्ट रूप से, वह बहस नहीं चाहती है। निश्चित रूप से सरकार इस बात अड़ी है कि प्रधानमंत्री राज्यसभा में मणिपुर पर नहीं बोलेंगे।” रमेश की यह टिप्पणी मणिपुर में हिंसा पर चर्चा की विपक्ष की मांग पर राज्यसभा में हंगामे के बाद आई।विपक्ष इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री मोदी से विस्तृत बयान के साथ-साथ पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर चर्चा की मांग कर रहा है।

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