नई दिल्ली (एं)। केंद्र ने वीरवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र किए जाने संबंधी घटना की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है और कहा कि सरकार का रुख ‘‘महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध को बिल्कुल बर्दाश्त न करने का” है। गृह मंत्रालय ने अपने सचिव अजय कुमार भल्ला के जरिए दाखिल हलफनामे में शीर्ष न्यायालय से इस मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर स्थानांतरित करने का भी अनुरोध किया ताकि मुकदमे की सुनवाई समयबद्ध तरीके से पूरी हो सके।
मणिपुर के कांगपोकपी जिले में चार मई को दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर उन्हें घुमाए जाने की घटना का पता 19 जुलाई को सामने आए एक वीडियो के जरिए चला। शीर्ष न्यायालय ने 20 जुलाई को घटना पर संज्ञान लिया था और कहा था कि वह वीडियो से ‘‘बहुत व्यथित” है और हिंसा को अंजाम देने के हथियार के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल ‘‘किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह अस्वीकार्य है।” प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र तथा मणिपुर सरकार को तत्काल उपचारात्मक तथा एहतियाती कदम उठाने तथा उन कदमों की जानकारी उसे देने का निर्देश दिया था।
केंद्र ने अपना जवाब देते हुए कहा, ‘‘मणिपुर सरकार ने 26 जुलाई 2023 को लिखे एक पत्र में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी जिसकी गृह मंत्रालय ने 27 जुलाई को लिखे पत्र द्वारा सचिव को अनुशंसा कर दी है। अत: जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी।” हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र सरकार का मानना है कि जांच जल्द से जल्द पूरी होनी चाहिए और मुकदमे की सुनवाई समयबद्ध तरीके से पूरी हो और यह सुनवाई ‘‘मणिपुर के बाहर होनी चाहिए।” इसमें कहा गया है, ‘‘अत: केंद्र सरकार एक विशेष अनुरोध करती है कि यह अदालत अपराध के मुकदमे समेत पूरे मामले को मणिपुर के बाहर किसी भी राज्य में स्थानांतरित करने का आदेश दें।”
हलफनामे में कहा गया है, ‘‘मुकदमे की सुनवाई किसी भी राज्य के बाहर स्थानांतरित करने का अधिकार केवल इस अदालत को है और केंद्र सीबीआई द्वारा आरोपपत्र दाखिल करने की तारीख से लेकर छह महीने की सीमा के भीतर मुकदमे की सुनवाई पूरी करने का निर्देश देने का इस अदालत से अनुरोध कर रहा है।” इसमें कहा गया है कि मणिपुर सरकार ने बताया है कि सात मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और वे पुलिस हिरासत में हैं। केंद्र ने बताया कि पहचाने गए दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए विभिन्न स्थानों पर विशेष पुलिस दल गठित किए गए और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी को अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में मामले की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया है।