Home छत्तीसगढ़ जिले में तेजी से चल रहा तेंदुपत्ता संग्रहण का कार्य

जिले में तेजी से चल रहा तेंदुपत्ता संग्रहण का कार्य

by Surendra Tripathi

तेंदूपत्ता संग्रहण से शिवभजन को मिला अतिरिक्त आय का जरिया

 

कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार दुग्गा के निर्देशन तथा डीएफ़ओ श्री एलएन पटेल के मार्गदर्शन में शासन की महत्वाकांक्षी तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य चल रहा है। प्राथमिक वनोपज समिति बेलबहरा के अन्तर्गत आने वाले फड़ पिपरिया में ग्राम डंगौरा निवासी शिवभजन तेंदूपत्ता बेचने के लिए आए थे। शिवभजन ने बताया कि राज्य शासन के द्वारा वनवासियों के लिए तेंदूपत्ता का दाम 2500 रुपया से बढ़ाकर 4000 रुपया कर दिया गया है। हम घर के कामों के साथ तेंदूपत्ता तोड़ाई का कार्य भी कर लेते हैं। इससे हमे अतिरिक्त आय प्राप्त  हो जाती है। तेंदूपत्ता का दाम बढ़ाने के लिए हम मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हैं।
ज़िला वनोपज सहकारी संघ मर्यादित के पदेन प्रबंध संचालक श्री एलएन पटेल  ने बताया कि जिला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में तेंदुपत्ता संग्रहण वर्ष 2023 के दौरान कुल 15 समितियों के माध्यम से प्रतिदिन तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य 43 हजार 500 मानक बोरा निर्धारित किया गया है जिसके विरुद्ध 21 हजार 201 मानक बोरा संग्रहित किया गया है जो कुल ख़रीदी का 48.74ः है। तेंदूपत्ता को आदिवासियों का हरा सोना कहा जाता है। ज़िले में वास्तविक तेंदूपत्ता संग्राहकों की संख्या 27 हज़ार 262 है। समस्त समितियों में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य तेज गति से चल रहा है। तेंदूपत्ता की खेती में छत्तीसगढ़ राज्य को अग्रणी माना जाता है। राज्य में इसे हरा सोना भी कहा जाता है। इस पत्ते का सबसे ज्यादा उपयोग बीड़ी बनाने में किया जाता है। ग्रामीणों के लिए तेंदूपत्ता का व्यवसाय आय का अतिरिक्त साधन है।

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