Home छत्तीसगढ़ भिलाई इस्पात संयंत्र में डिजिटल परिवर्तन परियोजना की वायर रॉड मिल से शुरूआत

भिलाई इस्पात संयंत्र में डिजिटल परिवर्तन परियोजना की वायर रॉड मिल से शुरूआत

by Surendra Tripathi

वायर रॉड मिल में दक्षता बढ़ाने के लिए उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियों का उपयोग

भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) में डिजिटल परिवर्तन (डीएक्स) कार्यक्रम के तहत ली गई पहली परियोजना को वायर रॉड मिल (डब्ल्यूआरएम) में लागू किया जाएगा। संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (खदान), श्री तपन सूत्रधार, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन), श्री एम एम गद्रे, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं), श्री एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा), डाॅ ए के पंडा तथा कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) श्री ए के चक्रवर्ती की उपस्थिति में 12 दिसंबर 2022 को बीएसपी के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता द्वारा परियोजना का औपचारिक रूप से शुभारम्भ किया गया। परियोजना को 10 माह में क्रियान्वित किया जाएगा।

वायर रॉड मिल एक उच्च गति वाली मिल है और मिल के संचालन के दौरान ऑपरेटरों के लिए उपकरणों की स्वास्थ एवं स्थिति का आंकलन करना बहुत मुश्किल होता है। इससे उपकरण के संचालन पर विपरीत असर पड़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कोबल्स के साथ मिल के संचालन में ठहराव हो सकता है। ऑपरेटरों को ऑपरेशन के दौरान उपकरणों की सही स्थिति के बारे में जानकारी देने में सक्षम बनाने के लिए, यह डीएक्स प्रोजेक्ट वास्तविक समय में उच्च गति उपकरण द्वारा उत्पन्न डेटा का विश्लेषण करेगा और ऑपरेटरों को अलर्ट करेगा ताकि किसी भी विफलता से पहले ब्रेकडाउन को रोका जा सके।

इस परियोजना के साथ भिलाई इस्पात संयंत्र में डिजिटल ट्रांसफाॅरमेषन की यात्रा शुरू हो गई है। डीएक्स में इंडस्ट्री (उद्योग) 4.0 तकनीकों का उपयोग शामिल है जिसमें संयंत्र और माइन्स संचालन के क्षेत्रों में प्रभावशीलता और दक्षता बढ़ाने के लिए डेटा एनालिटिक्स, वीडियो एनालिटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि शामिल हैं। इन सभी के उपयोग से संयंत्र में रखरखाव, ऊर्जा के उपयोग, स्वास्थ्य, सुरक्षित वातावरण, लाॅजिस्टिक, मार्केटिंग व बिक्री, प्रोक्योरमेंट, एचआर आदि की प्रभावशीलता और बढ़ेगी। डिजिटल ट्रांसफाॅरमेशन प्रक्रिया, दक्षता में सुधार के उद्देश्य से काम करता है जिससे ग्राहकों की संतुष्टि में वृद्धि होती है। बीएसपी ने डीएक्स परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए तीन आयामी दृष्टिकोण अपनाया है। आंतरिक रूप से विकसित परियोजनाएं, शैक्षणिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के सहयोग से और वाणिज्यिक सेवा प्रदाताओं द्वारा परियोजना का क्रियान्वयन।

भारत सरकार की विज़न और नीतियों के अनुसार, डिजिटल परिवर्तन के क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स को एक प्रमुख भूमिका की पेशकश की गई है। चूंकि स्टार्ट-अप्स को बीएसपी के साथ डिजिटल ट्रांसफाॅरमेशन प्रोजेक्ट्स में जुड़ने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था, इसलिए नई खरीद प्रक्रिया तैयार कर उनकी भागीदारी के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर किया गया। डीएक्स परियोजनाओं के त्वरित प्रसंस्करण को सुनिश्चित करने के लिए बीएसपी के प्रबंधन ने पहल की है। 5 दिसंबर-2022 को नई खरीद प्रक्रिया के तहत संसाधित पहली परियोजना में स्टार्ट-अप, एटीवीट्टी (एटीआईवीआईटीटीआई) एआई टेक्नोलाॅजिस प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली को प्रदान किया गया।

टीम बीएसपी ने इसे संभव बनाने के लिए काफी उत्साह व लगन के साथ काम किया। इसमें वायर रॉड मिल, कॉन्ट्रैक्ट सेल वर्क्स, डीएक्स टीम, फाइनेंस आदि ने उल्लेखनीय योगदान दिया। यह उपलब्धि बीएसपी में ऐसी और परियोजनाओं के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी जो प्रक्रिया दक्षता में सुधार करेगी और अंततः सभी हितधारकों को लाभान्वित करेगी।

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