गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के पोषण स्तर में हो रहा नियमित सुधार
बिलासपुर -विकासखंड मस्तूरी के ग्राम रिस्दा के दंपत्ति श्री महेश एवं श्रीमती कांति के लिए 16 दिसम्बर 2019 का दिन खुशियां लेकर आया। इस दिन उनके घर में बच्चे की किलकारी गूंजी। दंपत्ति बच्चे के जन्म से खुश तो थे लेकिन बच्ची के वजन को लेकर चिन्तित भी थे। सुपोषण अभियान से लाभान्वित होने से पहले कनिष्का का वजन 9 कि.ग्रा. था। कनिष्का मध्यम कुपोषित की श्रेणी में थी। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से लाभान्वित होने के बाद अब उसका वजन बढ़कर अब 11 किलो 700 ग्राम हो गया है। कनिष्का अब कुपोषण से मुक्त हो गयी है। आंगनबाड़ी केंद्र में नियमित देखभाल एवं पौष्टिक आहार से कनिष्का का वजन अब बढ़ गया है। कनिष्का की सेहत में सुधार से उसके माता-पिता बहुत खुश हैं एवं इस योजना के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। मस्तूरी प्रोजेक्ट में अगस्त माह 2022 से अब तक 244 बच्चें कुपोषण की जद से बाहर आ चुके है।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को भी गरम भोजन से लाभान्वित किया जा रहा है। स्व सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में गरम भोजन तैयार कर प्रदाय किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से लाभान्वित गर्भवती माता श्रीमती अर्चना दिलहरण है। इनके द्वारा नियमित रूप से आंगनबाड़ी में आकर गरम भोजन का लाभ लिया जा रहा है। इस प्रकार योजना से लाभान्वित होने वाली अन्य गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के पोषण स्तर में नियमित सुधार हो रहा है।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से संवरी कनिष्का की सेहत
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