प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि गुलामी की मानसिकता के कारण दशकों तक घोर उपेक्षा का शिकार रहे काशी, उज्जैन, अयोध्या और अन्य अनगिनत श्रद्धा के केंद्र अपने गौरव को पुन: प्राप्त कर रहे हैं। बदरीनाथ धाम से तीन किलोमीटर दूर भारत—चीन सीमा पर माणा गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केदारनाथ, बदरीनाथ एवं हेमकुंड साहिब को भी सुविधाओं से जोडा जा रहा है। उन्होंने कहा, अयोध्या में इतना भव्य राममंदिर बन रहा है और देवी विंध्याचंल के कॉरिडोर तक भारत अपने सांस्कृतिक उत्थान का आहवान कर रहा है। आस्था के इन केंद्रों तक पहुंचना अब हर श्रद्धालु के लिए आसान और सुगम हो रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी देश को गुलामी की मानसिकता ने जकडे रखा था और पिछली सरकारों ने अपनी संस्कृति को लेकर हीन भावना होने के चलते अपने आस्था स्थलों का विकास नहीं किया। उन्होंने कहा, गुलामी की मानसिकता ने हमारे आस्था के स्थलों को जर्जर स्थिति में ला दिया। सैकडों वर्षों से मौसम की मार सहते आ रहे पत्थर तथा वहां जाने के रास्ते तक तबाह हो गए। लेकिन उन सरकारों को अपने नागरिकों को इन स्थलों तक जाने की सुविधाएं देना तक जरूरी नहीं लगा।
PM मोदी ने किए केदारनाथ और बदरीनाथ के दर्शन
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