Home छत्तीसगढ़ राजकीय सम्मान के साथ विधानसभा उपाध्यक्ष स्व. श्री मनोज मण्डावी को दी गई अंतिम विदाई

राजकीय सम्मान के साथ विधानसभा उपाध्यक्ष स्व. श्री मनोज मण्डावी को दी गई अंतिम विदाई

by Surendra Tripathi

छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष स्वर्गीय श्री मनोज सिंह मण्डावी को विकासखण्ड कांकेर अंतर्गत उनके गृह ग्राम नथिया-नवागांव में आज शाम राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। दुख के इस घड़ी में मुख्यमंत्री श्री बघेल आज उनके गृह ग्राम पहुंचकर स्वर्गीय श्री मण्डावी के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष स्वर्गीय श्री मनोज सिंह मण्डावी के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
स्वर्गीय श्री मण्डावी के अंतिम विदाई में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, वरिष्ठ विधायक श्री मोहन मरकाम, राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री राम गोपाल अग्रवाल सहित जनप्रतिनिधि तथा क्षेत्रवासी बड़ी संख्या मंे शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री बघेल विधानसभा उपाध्यक्ष श्री मण्डावी के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे वरिष्ठ आदिवासी नेता थे। स्वर्गीय श्री मण्डावी छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े हुए थे। उन्होंने नवगठित छत्तीसगढ़ के गृह राज्यमंत्री और विधानसभा के उपाध्यक्ष सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया और प्रदेश की सेवा की। वे वर्ष 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के तथा वर्ष 2013 और 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। श्री मंडावी छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष भी रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थे। वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे। श्री मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे। विधानसभा उपाध्यक्ष के रूप में उनकी कार्यशैली को पक्ष और विपक्ष के सभी लोग प्रशंसा करते थे। सरल, सौम्य व मृदुभाषी व्यवहार वाले स्वर्गीय श्री मनोज सिंह मण्डावी को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनका निधन क्षेत्र के साथ-साथ आदिवासी समाज और प्रदेश सहित हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है।

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