छत्तीसगढ़ सरकार ने पारंपरिक खेलों से लोगों को जोड़ने के लिए ‘छत्तीसगढ़िया ओलंपिक’ का आयोजन किया जा रहा है। राज्य सरकार की इस पहल पर लगभग तीन महीने तक चलने वाले इस आयोजन का शुभारंभ 6 अक्टूबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर में किया है। इस आयोजन में पूरे प्रदेश के सभी जिलों के बच्चे, युवा, बुजुर्गों सहित महिलाओं को भी अपनी खेल प्रतिभा दिखाने का अवसर मिल रहा है। बस्तर दशहरा के अवसर पर 7 अक्टूबर को अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने गुल्ली डंडा खेलकर ‘छत्तीसगढ़िया ओलंपिक’ में अपनी सहभागिता दी।
‘छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक‘‘ के अंतर्गत जिले के विभिन्न ग्रामों में आयोजित किए जा रहे खेलों में बच्चे, युवा और बुजुर्ग वर्ग के पुरूष व महिलाएं बड़े ही उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक से जहां नई पीढ़ी पारंपरिक और देसी खेलों में रूझान देखने को मिल रहा है। इस आयोजन में युवाओं के साथ ही महिलाएं और बुजुर्ग लोग भी उत्साह से हिस्सा ले रहे हैं। पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, फुगड़ी जैसे खेलों ने सभी वर्ग के खिलाड़ियों में रोमांच भर दिया। किसी ने कबड्डी में दांव पेंच लगाए तो किसी ने अंत तक फुगड़ी में अपनी महारत दिखाई।
राजीव युवा मितान क्लब स्तर से शुरू हुई यह स्पर्धा अब जोन स्तर पर पहुंच चुकी है। इसके बाद छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का आयोजन विकासखण्ड स्तर, नगरीय क्लस्टर स्तर, जिला, संभाग और अंतिम में राज्य स्तर पर की जाएगी।
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक: हर आयु वर्ग के लोगों ने दिखाई अपनी खेल प्रतिभा
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