Home छत्तीसगढ़ साइंस कॉलेज दुर्ग में गांधी जयंती पर आयोजित किया व्याख्यान तथा स्वच्छता कार्यक्रम 

साइंस कॉलेज दुर्ग में गांधी जयंती पर आयोजित किया व्याख्यान तथा स्वच्छता कार्यक्रम 

by Surendra Tripathi

साइंस कॉलेज दुर्ग की एनएसएस इकाई एवं रेडक्रास सोसायटी ने

साइंस कॉलेज दुर्ग में गांधी जयंती पर उन्हें याद कर उनके सपनों के भारत बनाने संकल्प लिया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आर एन सिंह ने महात्मा गांधी के तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
तत्पश्चात उन्होंने विद्यार्थियों को गांधी जी के मुख्य संदेश स्वच्छता को हमेशा याद रखने कहा। अपने आस पास स्वच्छता बनाए रखने हेतु जागरूक होने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय परिसर में हमेशा स्वच्छता बनाएं रखें।
इसी के साथ साइंस कॉलेज दुर्ग की एनएसएस इकाई द्वारा महाविद्यालय में स्वच्छता सप्ताह का आयोजन किया। जिसके अंतर्गत महाविद्यालय में 30 अक्तूबर तक स्वच्छता माह के रूप में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।
इसके बाद महाविद्यालय से मालवीय नगर चौक दुर्ग तक कार्यक्रम अधिकारी प्रो जनेंद्र कुमार दीवान के नेतृत्व में स्वच्छता रैली का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने स्वच्छता के नारे, श्लोगन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया।
इसके बाद महाविद्यालय में एनएसएस स्वयं सेवकों के लिए गांधी जी की प्रासंगिकता विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ शकील हुसैन ने अपने विचार रखे। उन्होंने गांधी जी की विचार धारा को आज के युग की आवश्यकता बताया। सत्य, अहिंसा और स्वच्छता उनके मुख्य संदेश हैं।
हम इसी से पूरे देश और विश्व में शांति स्थापित कर सकते हैं।
इस अवसर पर डॉ आर एस सिंह ने कहा कि गांधी जी के विचारों पर चलने से ही यह जयंती मनाना सार्थक होगा। अत आप सभी इस अवसर पर संकल्प लें कि हम सत्य और अहिंसा का पालन करेंगे।
एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी प्रो जनेंद्र कुमार दीवान ने कहा कि हमें गांधी को समझना जरूरी है।
यदि उन्हें समाज और विश्व समझे तो झगड़े की संभावना ही न हो।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापकों में एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ मीना मान, रेडक्रास अधिकारी डॉ तरलोचन कौर, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ अभिनेष सुराना, डॉ सुचित्रा गुप्ता, डॉ के पद्मावती , क्रीड़ा अधिकारी श्री लक्ष्मेंद्र कुलदीप, सहित बहुत से प्राध्यापक उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में उपदलनायक डेनिल कुमार, पारस, प्रशांत,मृदुल, सतेक, , मोरध्वज, मो.अदनान ,ढालेंद, खुमेंद्र, चैतन्य, का प्रमुख योगदान रहा।
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