राज्य में स्कूली शिक्षा में बच्चों के सीखने-सिखाने के स्तर एवं जमीनी वास्तविकताओं को परखने आज स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ल, स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, संचालक लोक शिक्षण श्री सुनील जैन महासमुंद जिले के साराडीह गाँव के प्राथमिक स्कूल का अवलोकन करने पहुंचे।
उन्होंने स्कूल की प्रधानाध्यापिका के साथ सभी कक्षाओं में बच्चों के साथ विस्तार से बातचीत कर उनके स्तर के आकलन करने का प्रयास किया। 145 की दर्ज संख्या वाले स्कूल में लगभग 120 विद्यार्थी ही उपस्थित पाए गए। डॉ. आलोक शुक्ला ने अनियमित उपस्थिति वाले बच्चों की सूची बनाकर उन्हें नियमित करने के लिए बच्चों के पालकों और समुदाय के साथ मिलकर काम करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान कक्षा शिक्षण में कक्षा के एक बच्चे को बोर्ड या चार्ट पर लिखे शब्दों या वाक्यों को पढ़कर अन्य बच्चों को दोहराने की बरसों पुरानी परंपरा भी यहाँ दिखाई दी। प्रमुख सचिव ने शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के कौशल और इसे रोचक बनाने पर अधिक जोर दिया। उन्होंने इसके लिए शिक्षक प्रशिक्षण की नियमित व्यवस्था करने की आवश्यकता बताई।
स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. भारतीदासन ने कक्षा में एक बच्चे के साथ कितने देर शिक्षक व्यक्तिगत ध्यान दे पाते हैं आदि की जानकारी ली। उन्होंने शिक्षकों से बच्चों को सिखाने में व्यक्तिगत रूचि लेने का आग्रह किया। संचालक, लोक शिक्षण श्री सुनील जैन ने सभी संकुल समन्वयकों को शीघ्र प्रशिक्षित करते हुए उन्हें बच्चों में मूलभूत भाषाई एवं गणितीय कौशल विकास में फोकस होकर कार्य करने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के श्री सोमशेखर ने बच्चों को निक्लर एप्प के प्रदर्शन के माध्यम से शिक्षण कौशल की जानकारी दी।
वरिष्ठ अधिकारियों के इस निरीक्षण दल द्वारा परिसर में संचालित बालवाड़ी, शौचालय एवं किचन शेड आदि का निरीक्षण करते हुए आवश्यक सुधार के निर्देश भी दिए। उन्होंने मध्यान्ह भोजन को चखकर भी देखा। इस अवसर पर महासमुंद जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जिला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा एवं शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।