द्वारकापीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का आज निधन हो गया है। उनकी उम्र 99 वर्ष की थी। उनका निधन मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में हुआ। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था। स्वानी स्वरूपानंद का जन्म भी मध्य प्रदेश में सिवनी में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
स्वरूपानंद सरस्वती हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु थे। राम मंदिर के लिए भी उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी। उनके निधन के बाद आश्रम में लोगों को जमावड़ा शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि जिस वक्त उन्होंने प्राण त्यागे. उनके शिष्य ही वहां मौजूद थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने लिखा कि द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति! गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। सनातन संस्कृति व धर्म के प्रचार-प्रसार को समर्पित उनके कार्य सदैव याद किए जाएँगे। उनके अनुयायियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें। ॐ शांति।