Home देश-दुनिया पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत INS Vikrant प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना को सौंपा

पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत INS Vikrant प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना को सौंपा

by Surendra Tripathi

भारत के समुद्री इतिहास में अब तक के सबसे बड़े जहाज तथा स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ का आज यानी शुक्रवार को यहां जलावतरण किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोचीन शिपयार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित और अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से लैस युद्धपोत का जलावतरण किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर औपनिवेशिक अतीत को खत्म करते हुए नए नौसेना ध्वज (निशान) का भी अनावरण किया।

भारत का पहला विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इसे देश के सामर्थ्य का प्रतीक बताया। आपको बता दें कि आईएनएस विक्रांत में महिला सैनिकों की भी तैनाती होगी। इसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है।

आईएनएस विक्रांत के निर्माण के साथ ही भारत उन देशों के एलीट समूह में शामिल हो गया, जो एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने में सक्षम हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे युद्धपोत से ज्यादा तैरता हुआ एयरफील्ड बताया, जो तैरते हुए शहर से कम नहीं। उन्होंने कहा कि इसमें जितनी बिजली पैदा होती है उससे 5,000 घरों को रौशन किया जा सकता है। इसका फ्लाइंग डेक भी दो फुटबॉल फ़ील्ड से बड़ा है। इसमें जितने तार इस्तेमाल हुए हैं वह कोचीन से काशी तक पहुंच सकते हैं।

आईएनएस विक्रांत सिर्फ एक एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं बल्कि दुश्मनों के खात्मे का प्रतीक है, आत्मनिर्भर भारत की पहचान है। आपको बता दें कि आईएनएस विक्रांत के 76 फीसदी से ज्यादा उपकरण भारत में ही बनाए गए हैं। इसे तकरीबन 20 हजार करोड़ रुपए की लगात से तैयार किया गया है। INS विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है। इसी वजह से यह दो फुटबॉल फील्ड से भी बड़ा है। एयरक्राफ्ट कैरियर 28 नॉट्स की अधिकतम रफ्तार के साथ एक बार में 7,500 नॉटिकल मील की दूरी तय कर सकता है।

आईएनएस विक्रांत की सबसे खास बात यह है कि इसका नामकरण भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर किया गया है। जिसने 1971 में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में निर्णायक भूमिका अदा की थी। इसमें 2400 कंपार्टमेंट्स हैं। इसके अलावा महिला सैनिकों की तैनाती को ध्यान में रखते हुए कैबिन तैयार किए गए हैं।

एयरक्राफ्ट कैरियर अत्याधुनिक उपकरणों और प्रणालियों से लैस है। इसमें चिकित्सा उपकरण सुविधाओं के साथ एक पूर्ण अत्याधुनिक चिकित्सा परिसर है जिसमें ऑपरेशन थिएटर, इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर, फिजियोथेरेपी क्लिनिक, आईसीयू, प्रयोगशालाएं, सीटी स्कैनर, एक्स-रे मशीन, समेत इत्यादि सुविधाएं मौजूद हैं। यह स्वदेश निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) और हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) के अलावा मिग-29 के लड़ाकू जेट, कामोव-31 और एमएच-60आर मल्टी रोल हेलीकॉप्टर्स सहित 30 विमानों से युक्त एयर विंग को संचालित करने में सक्षम है।

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