उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर वीर सवारकर की बात को कांग्रेस ने माना होता तो देश विभाजन की त्रासदी से बच गया होता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में वीर सावरकर की जयंती पर ‘वीर सावरकर- जो भारत का विभाजन रोक सकते थे और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा दृष्टि’ पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद जो सम्मान वीर सवारकर को मिलना चाहिए था वो नहीं मिला।”उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यहां तक उन्हें 1960 तक उनकी पैतृक संपत्ति नहीं मिली। हिंदुत्व शब्द वीर सवारकर ने दिया है। हिंदी व्याकरण के बहुत सारे शब्द वीर सवारकर की देन है। लेकिन उस समय की सरकार ने वीर सवारकर की तुलना जिन्ना से करने का प्रयास किया। जेल की काल कोठरी में उनके पास लेखनी कागज न होते हुए उन्होंने जेल की दीवारों पर नाखूनों लिखने गढ़ने का कार्य किया। ब्रिटिशर्स उनसे सबसे ज्यादा भयभीत थे। उनकी कोठरी फांसी घर के सामने थी। आजादी के बाद उन्हें जो सम्मान मिलना था, वो नहीं मिला। 1960 तक उनको पैतृत संपत्ति नहीं मिल पाई हालांकि आजादी 1947 में मिल चुकी थी।
वीर सावरकर की प्रतिभा को छिपाने की कोशिश हमेशा की गई- CM योगी
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