आज यहां राजभवन में राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभाग के प्रदेश अध्यक्ष श्री सुभाष सिंह परते के नेतृत्व में आदिवासी युवाओं ने भेंट की और अपने क्षेत्र की समस्याओं के संबंध में ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आदिवासी समुदाय को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपसी सद्भाव, प्रेम और भाईचारे के साथ रहते हुए सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में सामंजस्य रखना चाहिए और सभी धर्मों का समान आदर करना चाहिए। भारत के महान संविधान में आदिवासियों के संरक्षण के लिए समुचित प्रावधान किए गए हैं, किन्तु कई बार जागरूकता के अभाव में अज्ञानता के कारण आदिवासी समुदाय को इन प्रावधानों का लाभ नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षित आदिवासी युवाओं को इसके लिए आगे आना चाहिए और अपनी संस्कृति, धर्म पर गर्व करते हुए रचनात्मक दिशा में देश और प्रदेश की प्रगति में भागीदार बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबके साथ से ही सबका विकास संभव होगा।
उन्होंने कहा कि संविधान में वंचित वर्ग के अधिकारों के लिए पुरजोर समर्थन करने वालों में डॉ. भीमराव अंबेडकर के साथ ही श्री जयपाल सिंह मुंडा का भी नाम शामिल है। संविधान निर्माताओं में आर्थिक, शै क्षणिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए विशेष प्रावधान किए, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर राष्ट्र की प्रगति में भागीदार हो सके। इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को समुचित न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का भी गठन किया गया। संविधान की पांचवी अनुसूची में भी अनुसूचित क्षेत्रों के रहवासियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। राज्यपाल को अनुसूचित क्षेत्रों में कुछ विशेष अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के अधिकारों का हनन न हो, इसके लिए वे सतत् प्रयासरत् रहती हैं और नई दिल्ली में भी प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति से मिलकर इस संबंध में जानकारी देती हैं।
सुश्री उइके ने कहा कि उनके निर्देश पर प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति के प्रबंधकों का पारिश्रमिक बढ़ाकर 20 हजार प्रतिमाह करने के संबंध में आदेश राज्य शासन द्वारा गत माह जारी किया गया था। साथ ही उनके निर्देश पर नई बीमा योजना शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना प्रारंभ हुई। संग्राहक परिवारों के बच्चों के लिए लंबित छात्रवृत्ति योजना की राशि के संबंध में जानकारी लेकर ऐसी व्यवस्था बनाए जाने को कहा कि किसी भी परिस्थिति में बच्चों की छात्रवृत्ति लंबित न हो साथ ही राशि सीधे और समय पर उन्हें उपलब्घ हो सके। वन विभाग ने उनके निर्देश पर त्वरित कार्यवाही करते हुए विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की। साथ ही तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को 2018 से लंबित प्रोत्साहन राशि भी मिली।
राज्यपाल ने बताया कि उन्हें अनुसूचित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामवासियों ने अनेकों बार ज्ञापन देकर अनुरोध किया था कि पांचवी अनुसूची के क्षेत्र के तहत् आने वाली ग्राम पंचायतें जो पूर्व में नगर पंचायत में शामिल कर ली गई थी, उन्हें पुनः ग्राम पंचायत बनाया जाए। क्योंकि नगर पंचायत में शामिल होने के कारण उन गांवों में आरक्षण में परिवर्तन, ग्रामीण क्षेत्रों को मिलने वाली राशि एवं अन्य लाभ नहीं मिल पा रहा था। इस पर परीक्षण कर राज्य शासन ने 03 नगर पंचायतों में शामिल ग्राम पंचायतों के क्षेत्रों को पृथक करने संबंधी आदेश राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है, जिससे अनुसूचित क्षेत्र के रहवासियों को अत्यंत राहत मिली है।
आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल सुश्री उइके को गमछा और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रदेश के जिलों के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों एवं समस्याओं के संबंध में ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर श्री विनोद नागवंशी सहित सभी जिलों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
आदिवासी समुदाय अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहे: सुश्री उइके
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