Home खास खबर गर्मी के दिनों में शरीर में पानी की कमी न होने दें, इससे डिहाइड्रेशन का खतरा

गर्मी के दिनों में शरीर में पानी की कमी न होने दें, इससे डिहाइड्रेशन का खतरा

by Surendra Tripathi

रायपुर-

ग्रीष्म ऋतु में तेज धूप और गर्म हवाओं का असर दिखने लगा है। गर्मी अत्यधिक बढ़ने पर शरीर में पानी की कमी या डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। आमतौर पर लोग इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते। इसका सेहत पर बुरा असर होता है।

हमारे शरीर के लगभग एक तिहाई हिस्से में पानी मौजूद होता है। गर्मियों के मौसम में पानी कम पीने से और ज्यादा पसीना निकलने से शरीर में पानी और नमक का संतुलन बिगड़ जाता है जिससे कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में शरीर के तापमान को सामान्य रखने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है। कम पानी पीने से डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादा डिहाइड्रेशन या हीट-स्ट्रोक के कारण व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है।

स्वास्थ्य विभाग के जलवायु परिवर्तन शाखा के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र गहवई ने बताया कि पानी न केवल हमारे शरीर में नमी बनाए रखने का काम करता है, बल्कि पाचन एवं श्वसन क्रिया भी शरीर में पानी की मदद से ही सुचारू रूप से कार्य करती हैं। हमारे शरीर को किसी न किसी रूप में पानी की आवश्यकता होती है। ऐसे में अगर शरीर में पानी की कमी हो और बुखार, उल्टी या डायरिया हो जाए तो शरीर डिहाइड्रेशन की गंभीर स्थिति में पहुंच सकता है। सही समय पर डिहाइड्रेशन का इलाज नहीं कराने से आगे चलकर समस्या काफी बढ़ सकती है।

डिहाइड्रेशन के लक्षण

डॉ. गहवई ने बताया कि शरीर में पानी की कमी होने की स्थिति में हमारी स्किन अचानक से काफी सख्त या ड्राई होने लगती है। होंठ और जीभ सूखने लगते हैं। पेशाब का रंग हल्का पीला से गाढ़ा पीला होने लगता है। कम पेशाब होना, कब्ज़, मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द, तेज थकान या तेज सर दर्द होना डिहाइड्रेशन के प्रमुख लक्षण हैं। अगर गर्मियों के दिनों में इनमें से कोई भी लक्षण हो, तो उसे अनदेखा न करें। यह डिहाइड्रेशन का संकेत है।

डिहाइड्रेशन होने पर मितानिन से संपर्क कर ओआरएस घोल निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं या अपने निकटतम शासकीय स्वास्थ्य केंद्र जाकर निःशुल्क उपचार करा सकते हैं।

डिहाइड्रेशन से बचाव

डिहाइड्रेशन के बचने के लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी ज़रुर पिएं। नींबू पानी, नारियल पानी, गन्ने का रस, आम का रस, शिकंजी आदि पौष्टिक पेय पदार्थों का सेवन करें। आम, तरबूज, खरबूज, खीरा, पपीता, संतरा इत्यादि मौसमी फलों का सेवन जरुर करें। एक्सरसाइज या योग के दौरान शरीर से बहुत अधिक मात्रा में पसीना निकलता है जिससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी हो जाती है। इसलिए व्यायाम करने के बाद ताजे फलों के जूस का सेवन करना चाहिए।

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