छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में स्वच्छता को रोजगार से जोड़ा गया है। इससे छत्तीसगढ़ के शहरों को स्वच्छ बनाने में सफलता मिली है। डॉ. डहरिया आज यहां छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक निजी होटल में आयोजित सोशल इंटरप्राइजेस फार गारबेज फ्री सिटी नेशनल कॉन्क्लेव के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। भारत सरकार के आवास एवं नगरीय मामले मंत्रालय द्वारा आयोजित नेशनल कॉन्क्लेव में देश के 20 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा कि स्वच्छता मॉडल की जब हमने शुरूआत की तो राज्य में स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य बहुत धीमी गति से हो रहे थे। हमारी कोशिश रही है राज्य की स्वच्छता की पुरानी पंरपरा को जीवित करते हुए आगे बढ़ाया जाए। इसके लिए हमने नरवा गरवा घुरवा बारी से स्वच्छता को जोड़ा। हमने सिंगल यूज प्लास्टिक बैन पर जोर दिया। हमारे यहां तो पुरानी परंपरा में प्लास्टिक का उपयोग था ही नहीं, दोना पत्तल ही चलते हैं। हमने वहीं परंपरा फिर से शुरू की। अब तो लोग जागरूक हैं खुद ही प्लास्टिक लेने से इंकार कर देते हैं। 6 आर पॉलिसी रीथिंक, रियूज, रिसाइकिल, रिपेयर, रिडयूस, रिफ्यूज के आधार पर काम किया इससे हुआ ये कि नए अपशिष्ट बनने की मात्रा कम होने लगी। बस्तियों में सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय बनाए लोगों ने अपना पूरा सहयोग दिया। मानव मल प्रबंधन के लिए स्लज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जहां सीवर का पानी ट्रीट होता है।
छत्तीसगढ़ में स्वच्छता को रोजगार से जोड़ा गया
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